Location: रांची
यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ का यह बयान पूरे देश में चर्चित है, जो अब वह अपनी हर सभा में कहते हैं “बंटेंगे तो कटेंगे”। जब यह बयान चर्चित हुआ तो पीएम मोदी ने इसे थोड़ा बदलकर आगे बढ़ाया। कहा, “एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे”। जातियों में मत बंटिए। बांटने की साजिश हो रही है। सावधान रहिए। अपनी ताकत समझिए। झारखंड में विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार करने आए मोदी व योगी ने अपने-अपने बयानों की बार-बार चर्चा की। खूब हवा दी। झारखंड भाजपा ने भी इसे चुनावी मुद्दा बनाया।
झारखंड में प्रथम चरण का मतदान संपन्न होने के बाद जो जानकारी व रुझान मिल रहा उससे तो ऐसा लगता कि” बंटेंगे तो कटेंगे” और “एक रहेंगे सेफ रहेंगे” का नारा चल गया। गढ़वा, पलामू, रांची, जमशेदपुर, हजारीबाग से लेकर दूसरे जगहों तक मतदान के दिन मतदाताओं के बीच ध्रुवीकरण दिखा। इसी का नतीजा है कि पहले चरण में भाजपा-एनडीए को बढ़त दिख रही है। इंडिया गठबंधन के कई मजबूत प्रत्याशी परेशानी में हैं। उनकी सीट फंसती दिख रही है। मतदान के दिन दोनों तरफ से ध्रुवीकरण हुआ।
मैं यह साफ कर दूंगा कि मेरी यह रिपोर्ट विभिन्न क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान मिली जानकारी, मतदाताओं, राजनीतिज्ञों व इलाके के पत्रकारों से बातचीत पर आधारित हैं। 23 नवंबर को जब नतीजे आएंगे तभी तस्वीर साफ होगी। यह सिर्फ अनुमान है। परिणाम नहीं। क्योंकि गिनते के पहले सभी जीत का दावा करते हैं।
गढ़वा-पलामू में ध्रुवीकरण का नतीजा है कि प्रमंडल की 9 सीटों में से 7-8 सीटें भाजपा के खाते में जाने की चर्चा है। यदि ऐसा होता है तो यह माना जाएगा कि पलामू प्रमंडल में मोदी व योगी का जादू चल गया। भाजपा की रणनीति कामयाब रही।
रांची आसपास, चतरा, हजारीबाग, जमशेदपुर के इलाके में भी नारे के असर की चर्चा है। हर तरफ़ ध्रुवीकरण हुआ है। भाजपा व एनडीए के लिए राहत की खबर यह भी है कि आदिवासियों को साधने के लिए भाजपा ने जो प्रयास व प्रयोग किया था उसका असर हुआ है। भाजपा से आदिवासियों की नाराजगी कम हुई है। इसके कई कारण हैं। इसलिए कई आदिवासी सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार जीत के करीब दिख रहे हैं। मांडर जैसी कठिन सीट पर भाजपा आमने-सामने है। यदि मांडर में सफलता मिलती है तो इस नतीजे के कई मायने निकाले जाएंगे। लोहरदगा गुमला में भी भाजपा की स्थिति अच्छी बताई जा रही है।
कोल्हान की राजनीतिक स्थिति बदली है। यहां बराबरी का मुकाबला हुआ है। 14 में से 6-7 सीट एनडीए को मिल सकती है। पहले चरण में 43 सीटों पर संपन्न चुनाव में एनडीए को 22-23 सीट मिल सकती है। अगर नतीजे चर्चा के अनुसार आए तो भाजपा सत्ता के नजदीक पहुंच सकती है।
ऐसी भी संभावना जताई जा रही है कि इस बार झामुमो के बदले कांग्रेस को अधिक नुकसान होगा। राजद को एक- या दो सीट मिल सकती है। मैं फिर कह रहा हूँ कि यह अनुमान है, परिणाम नहीं। परिणाम के लिए 23 तारीख का इंतजार करना होगा।