

गढ़वा: मेराल प्रखंड के औरैया गांव टोला लिखनियाँ निवासी सच्चिदानंद चौधरी के 30 वर्षीय पुत्र रवि कुमार चौधरी का रूस में निधन हो जाने से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मृतक की पत्नी और दो छोटे बच्चों—तीन साल की बेटी और छह माह के बेटे—का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार पहले ही एक पुत्र की मृत्यु का दुख झेल चुका है, वहीं पिता सच्चिदानंद चौधरी भी दुर्घटना के कारण चलने-फिरने में असमर्थ हैं।
मृतक के घर पहुंचे महर्षि वेद व्यास परिषद के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. कुलदेव चौधरी ने घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए इसे कंपनी की लापरवाही करार दिया। उन्होंने कहा कि समय पर उचित इलाज मिलता तो शायद रवि की जान बचाई जा सकती थी। दुर्भाग्यवश, हादसे के बाद कंपनी के अधिकारी भी लापता हो गए, जिससे अन्य मजदूरों को विरोध-प्रदर्शन करना पड़ा।
डॉ. चौधरी ने बताया कि पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर और पलामू सांसद विष्णु दयाल राम की पहल पर शव भारत लाया गया, जबकि स्थानीय विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने विधानसभा में मुद्दा उठाया। बावजूद इसके, परिवार को अब तक उचित मुआवजा नहीं मिला है।
उन्होंने सरकार को रोजगार नीति पर घेरते हुए कहा कि अगर मजदूरों को अपने राज्य में काम मिलता, तो उन्हें विदेश जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील की कि मजदूर मृत्यु अधिनियम 1923 के तहत मृतक के परिवार को मुआवजा दिलाया जाए। साथ ही, यदि कंपनी दोषी पाई जाती है, तो उसे भी मुआवजे की जिम्मेदारी लेनी होगी, अन्यथा परिवार कानूनी कार्रवाई करेगा।
डॉ. चौधरी ने सरकार से मांग की कि मृतक के बच्चों की निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जाए और परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जाए, ताकि परिवार का भरण-पोषण हो सके।
इस दौरान मौके पर शिवचंद चौधरी, सचिदानंद चौधरी, वीरेंद्र चौधरी, सुरेश चौधरी, अनुज चौधरी, राजेंद्र चौधरी, जगदीश बिंद, फुलरी देवी, संगीता देवी, शशिकला देवी सहित कई स्थानीय लोग मौजूद रहे।
