Location: रांची
रांची- पलामू प्रमंडल की नौ सीटों पर पहले चरण में 13 नवंबर को मतदान है. प्रचार अंतिम चरण में है. सभी प्रमुख दलों के साथ निर्दलीय प्रत्याशियों ने पूरी ताकत झोंक दी है. कुछ सीटों पर तो स्थिति थोड़ी साफ हुई है. मगर कुछ सीटों पर चुनावी गणित पूरी तरह उलझा हुआ है. इसकी वजह कई दमदार प्रत्याशियों की मौजूदगी है. हालांकि अधिकांश सीटों पर भाजपा व इंडिया गठबंधन के बीच ही मुकाबला है. लेकिन बिश्रामपुर, हुसैनाबाद, डालटनगंज व पांकी में निर्दलीय सहित अन्य दलों के उम्मीदवारों ने चुनावी मुकाबले को रोचक व कड़ा बना दिया है. गढवा-पलामू में मुकाबले की जो तस्वीर उभरी है, उसके अनुसार भाजपा कई सीटों पर अच्छी स्थिति में दिख रही है. लेकिन मतदान के दिन क्या होगा यह देखना होगा. क्योंकि चुनाव से कुछ घंटे पहले तक स्थिति बदल जाती है.
भवनाथपुर –भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही व झामुमो के अनंत प्रताप देव उर्फ छोटे राजा के बीच सीधा मुकाबला है. कांटे की लड़ाई है. दोनों दलों ने खूब जोर लगाया है. यहां हिदुत्व का मुद्दा प्रमुख बन गया है. यूपी के सीएम योगी 11 नवंबर को नगर उंटारी में सभा करने वाले हैं, इसके बाद यह मुद्दा और जोर पकड़ सकता है. इसका लाभा भाजपा को मिल सकता है.
गढ़वा- मंत्री मिथिलेश ठाकुर की वजह से गढ़वा हाट सीट बन गई है. मंत्री को भाजपा प्रत्य़ाशी सत्येंद्रनाथ तिवारी से कड़ी चुनौती मिल रही है. गढ़वा में मोदी की सभा के बाद भाजपाइयों में उत्साह है. समीकरण बदल है. सपा प्रत्याशी पूर्व विधायक गिरिनाथ सिंह मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटे हैं. पूरी ताकत लगाई है. गढ़वा में विकास भी चुनावी मुद्दा है. मिथिलेश ठाकुर ने विकास की लंबी लकीर खींच दी है. मंत्री विकास के नारे के साथ ही मैदान में हैं. वह मजदूरी मांग रहे हैं. उन्होंने चुनावी मौहाल को एक नया आयाम दिया है. मजबूती के साथ हाईटेक चुनाव प्रचार भी उनकी ओर से किया जा रहा है.
बिश्रामपुर- भाजपा, राजद, कांग्रेस, सपा-बसपा व निर्दलीय विकास दुबे की पत्नी जागृति दुबे के कारण यहां बहुकोणीय मुकाबले की स्थिति बन गई है. अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-प्रत्य़ाशियों की बढ़त दिख रही है. मुकाबला भाजपा के रामचंद्र चंद्रवंशी, राजद के नरेश सिंह, सपा की अंजू सिंह, कांग्रेस के सुधीर चंद्रवंशी, बसपा के राजन मेहता व निर्दलीय जागृति दुबे के बीच है. कौन-कितना वोट काट कर किसको नुकसान पहुंचता है इसी से परिणाम निकलेगा. भाजपा व राजद की उपस्थिति कमोबेश हर जगह है।
.हुसैनाबाद- भाजपा प्रत्य़ाशी कमलेश सिंह को लेकर शुरू में जो नाराजगी थी, वह अब कम हो गई है. मुख्य मुकाबले में आ गए हैं. भाजपा को जहां बागी विनोद सिंह व कर्नल संजय सिंह से नुकसान की संभावना है, तो वहीं दूसरी ओर गठबंधन से राजद प्रत्य़ाशी संजय सिंह यादव के लिए बसपा के शिवपूजन मेहता के साथ-साथ सपा व एक-दो निर्दलीय उन्मीदवार जीत की राह में रोड़ा बने हुए हैं. यहां भी स्थिति उलझी हुई है.
डालटनगंजः यहां निर्दलीय दिलीप सिंह नामधारी की वजह से मुकाबला त्रिकोणीय दिख रहा है. लेकिन चुनाव आते-आते तक भाजपा व कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला हो सकता है. शहरी मतदाताओं ने भाजपा का भरपूर साथ दिया तो भाजपा के आलोक चौरसिया फिर बाजी मार सकते हैं. दिलीप सिंह नामधारी भाजपा व कांग्रेस दोनों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. हालांकि नामधारी जोर लगाए हुए हैं.
छतरपुर-पाटनः यहां कांग्रेस के साथ राजद का उम्मीदवार भी है. लेकिन मुकाबला भाजपा की पुष्पा देवी व कांग्रेस के राधाकृष्ण किशोर के बीच ही दिख रहा है. विरोधियों ने यदि अधिक वोट काट लिए तो किशोर को परेशानी हो सकती है. पुष्पा देवी को लाभ मिल सकता है. महिला होने का फायदा भी मिलने की बात कही जा रही है.
पांकी- पांकी में भाजपा व कांग्रेस उम्मीदवार को निर्दलीय देवेंद्र सिंह उर्फ बिट्टू सिंह सीधे चुनौती दे रहे हैं. यहां भी त्रिकोणीय मुकाबला है. मुस्लिम वोटरों पर कांग्रेस व बिट्टू सिंह को उम्मीद है. भाजपा के शशिभूषण मेहता बीच से निकले की कोशिश में जुटे हैं. मधु कोड़ा सरकार में चर्चित रहे विनोद सिन्हा में चुनाव लड़ रहे हैं. बिट्टू सिंह ने सबको उलझा दिया है.
लातेहारः लातेहार में मंत्री बैद्यनाथ राम को उनके परंपरागत विरोधी भाजपा प्रत्य़ाशी प्रकाश राम कड़ी चुनौती दे रहे हैं. मंत्री को एंटी इनकंबेंसी का सामना करना पड़ रहा है. कड़े मुकाबले में घिर गए हैं. प्रकाश राम को लाभ मिल सकता है. उनकी स्थिति बेहतर दिख रही है.
मनिकाः यहां भाजपा के हरेकृष्ण सिंह व कांग्रेस के रामचंद्र सिंह के बीच ही मुकाबला है. कांग्रेस के बागी निर्दलीय मुनेश्वर सिंह व सपा के रघुपाल सिंह भी मैदान में हैं. ये दोनों किसको कितना नुकसान पहुंचाते हैं यह देखना होगा. नतीजा इस पर निर्भर करेगा. मुकाबले में भाजपा की स्थिति बेहतर दिख रही है।