Location: रांची
रांची : जाने माने क्रिकेटर सौरभ तिवारी ने कुछ दिनों पहले कहा था कि अब वह क्रिकेट नहीं खेलेंगे बल्कि राजनीतिक में पारी की शुरुआत करेंगे। इच्छा अब राजनीति में जाने की है। सौरभ तिवारी के राजनीति में जाने की घोषणा के बाद से ही यह कयास लगाया जा रहा था कि आखिर वह किस दल में शामिल होंगे। कौन सी पार्टी उनकी पसंद बनेगी। सौरभ तिवारी भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य और झारखंड क्रिकेट टीम के कप्तान भी रह चुके हैं। उनकी लोकप्रियता अभी बरकरार है।
सौरभ तिवारी ने कल दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उन्होंने एक पुस्तक उनको भेंट की। अमित शाह से मुलाकात के बाद ही उनके राजनीति में आने की चर्चा तेज हो गई। वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं।
झारखंड में विधानसभा का चुनाव होने वाला है। ऐसे में अमित शाह से उनकी मुलाकात पर सवाल उठाना और चर्चा होना लाजमी है। बहुत संभव है कि वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे।
सौरभ तिवारी यदि भारतीय जनता पार्टी में शामिल होते हैं तो जमशेदपुर से वह चुनाव लड़ सकते हैं। जमशेदपुर में दो सीट है। जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय सरयू राय विधायक हैं और पश्चिम से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता। सौरभ तिवारी यदि भाजपा में आते हैं और पार्टी उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका देती है तो निशाने पर सरयू राय और बन्ना गुप्ता ही होंगे।
सरयू राय जिस तरह से भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोले रहते हैं उससे बहुत संभव है कि भाजपा सरयू राय के खिलाफ ही सौरभ तिवारी को मैदान में उतारे। क्योंकि सरयू राय को चुनौती देना आसान नहीं होगा उनके लिए भारी भरकम उम्मीदवार चाहिए जो उनके कद का हो। सौरभ तिवारी क्रिकेटर हैं इस वजह से उनका ग्लैमर है। यदि वह सरयू राय के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं तो मुकाबला रोचक हो जाएगा। राय की परेशानी बढ़ जाएगी। पिछले चुनाव में सरयू राय ने तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराकर सबको चौंका दिया था।
इधर, जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सह मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ भी भाजपा सौरभ तिवारी को उतार सकती है। पूर्वी जमशेदपुर से रघुवर दास किसको चाहते हैं यह भी देखना होगा। क्योंकि पार्टी वहां प्रत्याशी देने से पहले रघुवर दास से राय जरूर लगी क्योंकि उनकी पकड़ क्षेत्र में है। वहां चुनाव जीतने के लिए रघुवर दास का समर्थन जरूरी होगा।
बहरहाल सौरभ तिवारी ने जमशेदपुर की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। अधिक संभावना है कि वह सरयू राय को चुनौती देंगे उनके नाम पर रघुवर दास भी सहमत हो जाएंगे।