Location: Ranka
रंका भगवान जगन्नाथ भैया बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के साथ शनिवार को एकांतवास में गए । पूर्व परंपरानुसार ऐतिहासिक रंका ठाकुरबाड़ी मंदिर में बैदिक मंत्रोच्चार के बीच रविवार को राज पुरोहितो ने सेवइत कुमार गोवर्धन प्रसाद सिंह एवं गुलाब प्रसाद सिंह तथा राज परिवार के अन्य सदस्यों तथा रंका शहर के प्रबुद्ध भक्तगणों की उपस्थिति में पूरे बैदिक बिधान से भगवान के श्री विग्रह को हल्दी एवं चंदन मिश्रित जल से महा स्नान कराया तत्पश्चात महाप्रसाद भोग एवं आरती के पश्चात भगवान को उनका कक्ष में स्थापित कर पट्ट बंद कर दिया गया जहां एक पखवाड़े तक भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा तथा भैया बलभद्र के साथ अपने कक्ष में एकांतवास में रहेंगे इन दिनों भगवान की मानसिक पूजन होगी एवं फल का भोग प्रसाद अर्पित किया जाएगा करीब एक पखवाड़े के दौरान मंदिर के प्रधान पुजारी द्वारा भगवान की बिशेष सेवा के साथ साथ मांसिक पूजा आरती एवं प्रसाद भोग अर्पित किया जाता रहेगा आषाढ़ शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन भगवान के कक्ष का पट्ट खुलने के बाद पुनः बैदिक बिधान से षोडशोपचार पूजन एवं महाआरती के पश्चात भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा एवं भैया बलभद्र का दर्शन आम जनों को सुलभ होंगे रंका ठाकुर बाड़ी मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित बालेश्वर दुबे ने बताया कि अषाढ़ शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि को भगवान जगन्नाथ के कक्ष का पट्ट खुलने के पश्चात राज परिवार द्वारा आयोजित पूर्व परंपरा के अनुसार अनुसार मंदिर के प्रांगण में चौबीस घंटे का अखंड कीर्तन के पश्चात भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा एवं भाई बलभद्र को रथसीन कराकर मौसीबाड़ी तक की रथयात्रा कराई जाएगी
भगवान क्यों एकांतवास में जाते है जानकारों के अनुसार भगवान जगन्नाथ पुरी में अपने परम प्रिय भक्त माधव दास के प्रारब्ध के हिस्से की बिमारी को उनकी सहमती से मांग लिया था ताकि उनके भक्त माधव दास को दूसरा जन्म न लेना पड़े उसी परंपरा के अनुसार भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा तथा भाई बलभद्र के साथ एकांतवासी होते हैं इस दौरान भगवान की बिशेष सेवा एवं औषधि के अलावा प्रसाद भोग का ख्याल रखा जाता है।