मंत्री के विकास की फिल्मी कहानी या हकीकत के नायक

Location: Garhwa

गढ़वा के विधायक और झारखंड सरकार के पेयजल स्वच्छता एवं युवाखेल पर्यटन विकास मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर इन दिनों ‘नायक’ फिल्म के अनिल कपूर की तरह विकास कार्यों में लगे हुए हैं। फर्क बस इतना है कि अनिल कपूर अचानक से बिना किसी तैयारी के फील्ड में नजर आते थे, जबकि ठाकुर जी ने पहले से ‘सुपरहीरो’ की तरह योजना बनाई और फिर मैदान में उतरे हैं।

गढ़वा के विकास की कहानी इतनी तेज़ी से चल रही है कि सड़कें, पुल, रोजगार और महापुरुषों की प्रतिमाएं – सब कुछ जैसे किसी एक्शन फिल्म की तरह फटाफट हो रहा है। लगता है, गढ़वा में ‘विकास एक्सप्रेस’ दौड़ रही है और यह एक्सप्रेस तब तक रुकने वाली नहीं है, जब तक चुनावी आचार संहिता का ‘ब्रेक’ नहीं लगता।

विकास की स्पीड: नायक या नाटक?

मंत्री ठाकुर जी के ‘विकास’ की स्पीड देखकर कोई भी कहेगा कि यहां ‘नायक’ फिल्म की पूरी स्क्रिप्ट रियल लाइफ में लागू हो रही है। जनता के बीच वे पूरी तरह फिल्मी अंदाज में दिख रहे हैं, बस एक चीज़ की कमी है – फिल्मी हीरो की तरह ‘लटका-झटका’ की! हां, विकास के कामों की गाड़ी जरूर तेज रफ्तार में चल रही है, लेकिन क्या ये चुनावी रेस का हिस्सा है या फिर असली बदलाव?

झारखंड में चुनाव सिर पर हैं, और गढ़वा का विकास एकदम ‘फास्ट फॉरवर्ड’ मोड में है। सड़कें बन रही हैं, पुल बन रहे हैं, रोजगार मिल रहा है, लेकिन जैसे ही चुनाव की गाड़ी रुकेगी, ये स्पीड भी थम जाएगी – ऐसा विरोधियों का कहना है।

विरोधियों का कटाक्ष: विकास या ‘फ़ीसडी’ मॉडल?

अब जहां मंत्री जी अपने तीन साल के काम को पिछले 17 और 10 सालों से भारी बता रहे हैं, वहीं उनके विरोधी इस ‘विकास’ को ‘फ़ीसडी’ का खेल बता रहे हैं। विरोधियों का कहना है कि गढ़वा में भ्रष्टाचार सिर चढ़कर बोल रहा है – थाना हो, ब्लॉक हो या जिला कार्यालय – बिना ‘सुविधा शुल्क’ दिए कोई काम नहीं हो रहा है। लगता है, गढ़वा का विकास केवल ‘कागज़’ पर ही दौड़ रहा है, धरातल पर नहीं।

विरोधी कहते हैं कि मंत्री जी का ये ‘विकास ड्रामा’ सिर्फ चुनाव तक चलेगा, फिर सब कुछ वापस अपने ढर्रे पर आ जाएगा। जनता को विकास के नाम पर जो ‘फ़ीसडी’ मॉडल परोसा जा रहा है, वो चुनावी नतीजों में कितनी असरदार साबित होगी, ये तो वक्त ही बताएगा।

सुपरहीरो की फिल्म का क्लाइमेक्स?

अब ये देखना दिलचस्प होगा कि मंत्री जी की ये ‘सुपरहीरो’ फिल्म गढ़वा में जनता को कितनी पसंद आती है। क्या यह ‘विकास’ वाली कहानी चुनावी बॉक्स ऑफिस पर हिट होगी, या फिर विरोधियों की भ्रष्टाचार की ‘कहानी’ जनता के बीच रंग लाएगी?

मंत्री जी ने तो चुनावी एजेंडे में ‘विकास’ को सुपरस्टार बना दिया है, अब देखना यह है कि जनता इसे हकीकत मानेगी या फिर इसे महज एक चुनावी नाटक समझेगी।

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  • Vivekanand Upadhyay

    Location: Garhwa Vivekanand Updhyay is the Chief editor in AapKiKhabar news channel operating from Garhwa.

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