Location: रांची
रांची: 15 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोल्हान की भूमि जमशेदपुर से झारखंड विधानसभा चुनाव प्रचार का आगाज कर दिया। पीएम ने अपने पहले ही भाषण में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद पर तीखा प्रहार किया। इससे यह साफ हो गया कि विधानसभा चुनाव प्रचार में में एनडीए और इंडिया के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर तीखा होगा। चुनाव की घोषणा से पहले भारतीय जनता पार्टी पूरे प्रदेश में परिवर्तन संकल्प यात्रा निकाल रही है। यात्रा में गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी सहित कई राष्ट्रीय नेता और दूसरे प्रदेशों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा किसी को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं करेगी। पार्टी मोदी के चेहरे और कमल निशान पर ही चुनाव मैदान में जाएगी। पार्टी को यदि बहुमत मिलता है तो फिर मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला होगा। भाजपा कई राज्यों में यह प्रयोग कर चुकी है। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भाजपा ने किसी का नाम सीएम के रूप में घोषित नहीं किया था। परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री के नाम का एलान किया गया। झारखंड में भी ऐसा ही होगा। बाबूलाल मरांडी प्रदेश अध्यक्ष हैं। इस नाते वह चुनाव का नेतृत्व करेंगे। इनके नेतृत्व में पार्टी चुनाव लड़ेगी यह बात चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान भी कह चुके हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि भाजपा की ओर से वह सीएम फेस होंगे। हां वह प्रबल दावेदार जरूर हैं। आदिवासी नेताओं में पार्टी के पास बाबूलाल मरांडी के अतिरिक्त पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और हाल ही में भाजपा में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन जैसे कई दिग्गज हैं। यदि पार्टी किसी को सीएम फेस घोषित करती है तो चुनाव से पहले गुटबाजी शुरू हो जाएगी। एक दूसरे को हराने में नेता लग जाएंगे। ऐसे में पार्टी को भारी नुकसान हो सकता है। इसलिए पार्टी सामूहिक नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगी। इससे पार्टी को लाभ होगा। सीएम के जितने दावेदार हैं वह मजबूती से चुनाव लड़ेंगे। चाहेंगे कि अधिक से अधिक उनके समर्थक विधायक जीत कर आएं ताकि जरूरत पड़ने पर उनका समर्थन लिया जा सके। गुटबाजी व नेताओं की नाराजगी से बचने के लिए पार्टी ने सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। इधर, पार्टी में प्रत्याशी चयन और सहयोगी दलों के साथ सीट शेयरिंग पर बातचीत लगातार हो रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस महीने के अंत तक तस्वीर साफ हो जाएगी। पितृपक्ष शुरू हो चुका है। इसलिए भाजपा की पहली लिस्ट अब नवरात्र में जारी होगी। पहली लिस्ट में अधिकांश वैसे सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा होगी जिन सीटों पर पिछले चुनाव में पार्टी हार गई थी। इनमें से अधिकतर आदिवासियों के लिए सुरक्षित सीट शामिल है। दो- चार जनरल सीटों पर भी उम्मीदवारों का एलान हो सकता है
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