गढ़वा : भाजयुमो जिलाध्यक्ष रितेश चौबे ने हेमंत सरकार का कड़ा विरोध करते हुए आरोप लगाया कि झारखंड सरकार ने राज्य के युवाओं के भविष्य को दूसरे राज्यों के हाथों बेचने का काम किया है। उन्होंने नगर विकास एवं आवास विभाग में सहायक नगर निवेशक के बहाली में 28 लोगों को नियुक्ति पत्र देने का मुद्दा उठाया, जिसमें 17 लोग दूसरे राज्यों से नियुक्त किए गए हैं। रितेश चौबे ने सवाल किया कि किस नियमावली के तहत इतने बड़े पैमाने पर दूसरे राज्यों के लोगों को नौकरी दी गई है, जबकि गढ़वा सहित पूरे झारखंड के युवा पढ़-लिखकर नौकरी के लिए ठोकर खाने को मजबूर हैं।
श्री चौबे ने झामुमो सरकार पर झारखंड के युवाओं के अधिकारों के साथ बंदरबांट करने का आरोप लगाया और कहा कि पीजीटी भर्ती परीक्षा में भी धांधली सामने आई थी, लेकिन कोई जांच नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने झारखंड की नियोजन नीति को ध्वस्त करते हुए दूसरे राज्यों के लोगों को सरकारी नौकरी देने का काम किया है। 60/40 फार्मूले के तहत 60 प्रतिशत से अधिक दूसरे राज्यों के लोगों को नौकरी दी जा रही है, जो संविधान के खिलाफ है।
रितेश चौबे ने झामुमो की खतियानी जोहार यात्रा को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि यह यात्रा झारखंड के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का माध्यम बनी। उन्होंने हेमंत सोरेन के भाषणों में युवाओं के लिए मुर्गा और बकरी पालन करने के सुझाव को शर्मनाक बताया और कहा कि झारखंड के युवाओं के प्रति सरकार का यह रवैया निंदनीय है।
श्री चौबे ने झामुमो सरकार से यह स्पष्ट करने की मांग की कि वे झारखंड के युवाओं के अधिकारों के साथ हो रहे इस अन्याय के बारे में क्या सोचते हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो गढ़वा सहित पूरे झारखंड के युवा भ्रष्ट हेमंत सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए तैयार हैं।
इस मौके पर भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष अविनाश पासवान, महामंत्री विकास तिवारी, जिला मिडिया प्रभारी लक्ष्मीकांत पाण्डेय, नवीन जायसवाल, गोवावल मंडल अध्यक्ष विकास तिवारी सहित अन्य कई कार्यकर्ता मौजूद थे।