Location: Garhwa
जिले में सामाजिक और भावनात्मक शिक्षण (SEL) पर आधारित SEL समागम का सफल आयोजन जिला आर.के. रामा साहू +2 सी.एम. एस.ओ.ई. स्कूल गढ़वा में किया गया। इस समागम के मुख्य अतिथि उपायुक्त शेखर जमुआर थें।
कार्यक्रम में शिक्षक, छात्र, जिला प्रखंड स्तर के अधिकारीगण, अभिभावक, पंचायत प्रतिनिधि, युवा और मीडियाकर्मी उपस्थित रहें। इस अवसर पर छात्रों ने सामाजिक और भावनात्मक शिक्षण से जुड़ी गतिविधियों में अपने अनुभव साझा किया, जिन्हें सभी ने सराहा।
उपायुक्त श्री जमुआर एवं जिला शिक्षा अधीक्षक अनुराग मिंज ने सम्पूर्णा कंसोर्टियम के प्रयासों की सराहना की और सामाजिक और भावनात्मक शिक्षण (SEL) के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की शिक्षा न केवल बच्चों की शैक्षणिक सफलता को बढ़ाता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और जीवन में सही निर्णय लेने की क्षमता को भी सुधारता है।
SEL समागम का मुख्य उद्देश्य सभी हितधारकों को एक साझा मंच पर लाना है, ताकि सामाजिक और भावनात्मक शिक्षण (SEL) के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके और बच्चों के संपूर्ण बाल विकास को सुनिश्चित किया जा सके। इस तरह की पहल से बच्चों के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास में योगदान मिलता है।
प्रोजेक्ट सम्पूर्णा-हर्ष जोहार वर्तमान में झारखंड के 24 जिलों के 121 विद्यालयों में सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया जा रहा है। अगले चरण में इसे 325 प्रखंड स्तरीय आदर्श विद्यालयों में भी लागू किया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक बच्चों को इसका लाभ मिलेगा। टीम सम्पूर्णा द्वारा किए जा रहे इस महत्वपूर्ण कार्य की सभी ने भूरी-भूरी प्रशंसा की और इसे भविष्य के लिए एक प्रेरणादायक पहल बताया।
उक्त मौके पर उपायुक्त श्री जमुआर द्वारा बताया गया कि शिक्षा के साथ-साथ जीवन में संवेदनाएं/भावनाएं अति आवश्यक है। इमोशन ही एक ऐसी चीज है जो इंसानियत को जोड़ने का काम करती है। एस.ई.एल. अर्थात सोशल इमोशनल लर्निंग आज के शिक्षा में शामिल करना एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। इससे किताबी शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक एवं व्यवहारिक शिक्षा का ज्ञान प्राप्त होता है। इससे लोगों के प्रति शिष्टाचार की भावना जागृत होती है। SEL के बिना बड़े से बड़े शैक्षणिक प्रमाण-पत्र महत्वहीन प्रतीत होता है। भावनाएं एवं संवेदनशीलता अपने परिवार के सदस्यों के साथ-साथ सामाजिक परिवेश में रहने वाले व्यक्तियों से एक दूसरे को जोड़ने का कार्य करती है। मानवता के लिए इमोशंस महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्राओं को अपने अध्ययन में मैकेनिक एजुकेशन (किसी भी तथ्य को रटने) के स्थान पर समझ एवं व्यवहारिकता के साथ शिक्षा प्राप्त करने की बात कही।