Location: Garhwa
गढ़वा। विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने गढ़वा जिले में चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान को गरीबों के खिलाफ प्रशासनिक दमन करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर गढ़वा के अधिकारी नियमों के विरुद्ध कार्य कर भयादोहन कर रहे हैं। श्री तिवारी ने प्रशासन को चुनौती दी कि यदि उनके पास अतिक्रमण हटाने का हाईकोर्ट का आदेश है, तो इसे सार्वजनिक करें। उन्होंने चेतावनी दी कि आदेश सार्वजनिक न होने की स्थिति में यह अभियान तुरंत बंद किया जाए, अन्यथा दोषी अधिकारियों के खिलाफ विधानसभा सत्र में आवाज उठाई जाएगी।
भ्रष्टाचार के आरोप
विधायक ने आरोप लगाया कि अतिक्रमण हटाने में जुड़े अधिकारी धन लेकर मनमानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पैसा लेकर कभी पूर्व तो कभी पश्चिम दिशा में अतिक्रमण चिन्हित किया जा रहा है, जो पूरी तरह से गैरकानूनी है। उन्होंने प्रशासन को चुनौती देते हुए कहा कि यदि उनमें दम है, तो कल्याणपुर में सीएनटी एक्ट के तहत 22 एकड़ मुसहरों की जमीन को खाली करवाएं, न कि गरीबों को उजाड़ने का कार्य करें।
एसपी पर गंभीर आरोप
श्री तिवारी ने गढ़वा पुलिस अधीक्षक पर आरोप लगाया कि वे डंडे के बल पर गरीबों की जमीन खाली करवा रहे हैं, जबकि भूमि अधिग्रहण कानून के तहत रैयतों को उनकी जमीन का चार गुना मुआवजा देकर ही सरकार किसी प्रकार का निर्माण कर सकती है। उन्होंने कहा कि एसपी ठेकेदारों और अन्य अधिकारियों के इशारे पर गरीबों को परेशान कर रहे हैं।
जनता से अपील
विधायक ने गढ़वा-रंका विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं से अपील की कि वे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि जब तक मुआवजा की राशि नहीं मिलती, तब तक अपनी जमीन न खाली करें और किसी भी प्रकार का निर्माण न होने दें।
भ्रष्ट अधिकारियों को दी चेतावनी
श्री तिवारी ने राजस्व विभाग से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे अवैध तरीके से एलपीसी बनाकर जमीन की हेराफेरी कर रहे हैं। उन्होंने घोषणा की कि आने वाले विधानसभा सत्र में ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की संपत्ति जब्त करने और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जाएगी।
विधायक ने अंत में प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि समय और परिस्थिति बदल गई है, अधिकारी अपने पुराने रवैये को छोड़ें, अन्यथा उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।