Location: Garhwa
गढ़वा थाना क्षेत्र के लखन गांव में दुर्गा पूजा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए विवाद ने गांव को 12 घंटे तक तनावपूर्ण स्थिति में रखा। शनिवार दोपहर 3 बजे शुरू हुआ यह विवाद देर रात तक नारेबाजी, पथराव और हिंसा में बदल गया, जिसमें लगभग एक दर्जन लोग घायल हो गए। घायलों में से तीन की हालत गंभीर है, जिन्हें गढ़वा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इनमें से दो की हालत नाजुक होने पर रिम्स, रांची रेफर कर दिया गया है।इधर आज चार बजे प्रतिमा का विसर्जन कर दिया गया है। जबकि इस घटना में तीन लोग जो घायलहुए है उनमें लखना गांव का नासिर खान तथा नशिम खान की पत्नी जुमेरा बीबी एवं परिहारा गांव का रोहित चौहान शामिल है। नसीर और रोहित की स्थिति काफी गंभीर है ,जिन्हें रिम्स रांची रेफर कर दिया गया है।वहीं घायल महिला जुमेर का सदर अस्पताल में ईलाज चल लहा है।
विवाद की शुरुआत:व
शनिवार को शिव मंदिर के पूजा पंडाल से दुर्गा प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाते समय विवाद शुरू हुआ। प्रतिमा को गांव में भ्रमण के दौरान मुस्लिम आबादी के बीच से धोबी जाति के हिंदू परिवारों के घर दर्शन के लिए ले जाया जा रहा था। इसी दौरान मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने रास्ते पर चौकी रखकर वाहन से जा रही प्रतिमा को रोक दिया। घटना की खबर फैलते ही गांव और आसपास के हजारों लोग मौके पर जमा हो गए।
प्रशासन की तत्परता:
प्रशासन को सूचना मिलते ही, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए। अनुमंडल पदाधिकारी संजय पांडे और डीएसपी ने मामले को सुलझाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन दोनों समुदाय अपनी-अपनी मांगों पर अड़े रहे। एक ओर हिंदू समुदाय प्रतिमा को धोबी जाति के बस्ती तक ले जाने पर जोर दे रहा था, तो दूसरी ओर मुस्लिम समुदाय प्रतिमा को अपने इलाके से गुजरने देने को तैयार नहीं था।
पथराव और हिंसा:
रात करीब 9:30 बजे स्थिति और बिगड़ गई जब पथराव शुरू हो गया। इस दौरान गढ़वा के परिहार गांव के रोहित कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना स्थल पर अफवाह फैल गई कि गोलीबारी हुई है, हालांकि प्रशासन ने इस बात से इनकार किया। प्रशासन की निगरानी में घटनास्थल पर उपायुक्त शैखर जमुआर और पुलिस अधीक्षक दीपक पांडे भी मौजूद रहे और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश करते रहे।
समाधान और सहमति:
लंबी बातचीत और कड़ी निगरानी के बाद, सुबह 3 बजे दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी कि भविष्य में मुस्लिम समुदाय अपने त्योहारों के दौरान हिंदू बस्ती से ताजिया या झंडा लेकर नहीं गुजरेगा। इसके बाद दोनों पक्षों से बांड भरवाया गया और सुबह 4 बजे दुर्गा प्रतिमा का शांतिपूर्वक विसर्जन काला करुआ तालाब में किया गया।
तनाव अभी भी बरकरार:
विसर्जन के बाद भी गांव में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। अफवाहें फैल रही हैं कि गोलीबारी हुई थी, जिसे प्रशासन ने पूरी तरह से गलत बताया है। पुलिस और प्रशासन की कड़ी निगरानी जारी है और इलाके में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। हालांकि, प्रतिमा विसर्जन के बाद भी दोनों समुदायों के बीच तनाव बना हुआ है, और प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
प्रशासनिक अधिकारियों ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है, और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सख्त निगरानी की जा रही है।