Location: रांची
रांची: कांग्रेस में मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर खींचतान जारी है। कई विधायकों की दावेदारी के कारण कांग्रेस आलाकमान मंत्रियों का नाम नहीं तय कर पा रहा है। कांग्रेस की ओर से मंत्रियों की सूची देने में विलंब के कारण हेमंत सोरेन गुरुवार को चौथी बार अकेले मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। अब दिसंबर के पहले सप्ताह में कैबिनेट का विस्तार हो सकता है। कांग्रेस नेतृत्व ने हेमंत सोरेन को अकेले ही शपथ लेने की सलाह दी है। इसलिए हेमंत सोरेन अकेले शपथ लेंगे। हेमंत सरकार पार्ट 2 में भी कांग्रेस के चार मंत्री होंगे। चार मंत्री पद के लिए कांग्रेस से 7 से 8 लोग प्रबल दावेदार हैं। इसलिए कांग्रेस को नाम तय करने में परेशानी हो रही है। इधर खबर है की जेल में बंद पूर्व मंत्री आलमगीर आलम अपनी पत्नी निशत अलम को भी मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहते हैं। निशत आलम आलम पाकुड़ से सर्वाधिक 86000 वोटों से जीतकर आई हैं। आलमगीर आलम की वजह से मामला फंस गया है। इधर इरफान अंसारी भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। कांग्रेस में अल्पसंख्यक कोटे से एक ही मंत्री बनाया जाना हैहै। इसलिए कांग्रेस आलाकमान की परेशानी बढ़ गई है। आलमगीर आलम का पार्टी में कद बड़ा है। पहुंच ऊपर तक है। इसलिए उनकी दावेदारी मजबूत है। आलमगीर आलम चाहते हैं कि जब वह गर्दिश में हैं तो पार्टी उनके साथ खड़ी रहे। इधर, इरफान के विरोधी भी चाहते हैं कि वह फिर से मंत्री न बनें। कांग्रेस में ही एक गुट उनका विरोध कर रहा है। अपने बयानों को लेकर वह हमेशा विवादों में रहते हैं। पार्टी नेतृत्व उनके नाम पर विचार कर रहा है कि क्या किया जाए। झामुमो के भी अंदर से इरफान का विरोध हो रहा है। सरकार में माले की भूमिका क्या होगी यह अभी तय नहीं है। माले ने सरकार में शामिल होने न होने को लेकर 29 तारीख को बैठक बुलाई है। इधर राजद से सुरेश पासवान और संजय यादव प्रबल दावेदार हैं। राष्ट्रीय जनता दल का एक मंत्री मंत्रिमंडल में शामिल होगा। झामुमो के मंत्रियों का नाम खुद हेमंत सोरेन तय करेंगे। इसलिए हेमंत सोरेन को बहुत परेशानी नहीं हैं। दावेदार तो कई हैं लेकिन फैसला हेमंत सोरेन को लेना है। वह जिसको चाहेंगे वही मंत्रिमंडल में शामिल होगा।