भाजपा में शामिल होने का बनाया जा रहा है दबाव, ईडी की कार्रवाई से न डरेंगे न झुकेंगे: मिथिलेश ठाकुर

Location: रांची

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव की तरीखों के ऐलान से पहले सोमवार को ईडी की ताबड़तोड़ छापेमारी को लेकर मंत्री मिथिलेश ठाकुरक ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी में शामिल होने का दवाब बनाया जा रहा था। जब बीजेपी को इसमें सफलता नहीं मिली, तो उन्हें और उनके परिजनों को बेवजह परेशान किया जा रहा है। मंत्री ने कुछ पत्रकारों पर भी दवाब बनाने का आरोप लगाया। मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने साफ तौर पर कहा कि हमलोग डरने वाले नहीं हैं. साथ ही ईडी द्वारा की गई छापेमारी का खुलासा करने की मांग की गई ।मंत्री मिथिलेश ठाकुर कैबिनेट की बैठक में शामिल होने के लिए प्रोजेक्ट भवन पहुंचने पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे l उन्होंने कहा कि वह किसी दबाव में नहीं झुकेंगे। फांसी पर चढ़ जाएंगे। जेल में सड़ जाएंगे लेकिन झुकेंगे। हमने कोई गलत नहीं किया है। ईडी हमारी संपत्ति सार्वजनिक करें। मैं चुनौती देता हूं क्या-क्या मिला यह बताए। यह सब बदनाम करने की साजिश है। मंत्री ने कहा कि भाजपा जब अपने मिशन में सफल नहीं होती है तो ऐसी कार्रवाई करती है। केंद्रीय एजेंसी को पीछे लगा देती है। हम झारखंड मुक्ति मोर्चा के सिपाही हैं। न डरेंगे, न झुकेंगे। विधानसभा चुनाव में करारी हार देखते हुए भाजपा बौखला गई है। पलामू प्रमंडल में एक भी सीट भाजपा को नहीं मिलेगी। मालूम हो कि सोमवार की सुबह ईडी ने जल जीवन मिशन में अनियमितता को लेकर मंत्री मिथिलेश ठाकुर के रांची और चाईबासा के 20 के अधिक ठिकानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी में ईडी ने आई ए एस अधिकारी मनीष रंजन के अलावा विभागीय इंजीनियर्स के ठिकाने, मंत्री के भाई विनय ठाकुर और मंत्री के पीएस हरेंद्र सिंह के ठिकानों पर भी ईडी ने सघन छापेमारी की।20 करोड़ से अधिक का पाइपलाइन घोटालादरअसल, रांची के सदर थाना में जल जीवन मिशन के तहत मामला दर्ज हुआ था ।करोड़ों रुपए के पाइपलाइन घोटाले मामले में विभाग के कैशियर संतोष कुमार की अप्रैल, 2024 में गिरफ्तारी हुई थी। वहीं, गिरफ्तारी के दौरान संतोष के घर से 50 लाख रुपए से अधिक बरामद हुए थे ।मालूम हो कि पुलिस ने संतोष को सुखदेवनगर थाना क्षेत्र स्थित उसके ससुराल से गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक, फर्जी बिल के सहारे 20 करोड़ रुपए से अधिक की निकासी हुई थी। पुलिस के मुताबिक, वर्ष 2012 में पेयजल विभाग ने रांची में पाइपलाइन बिछाने का काम एलएंडटी कंपनी को दिया था। इस प्रोजेक्ट का बजट 200 करोड़ था, लेकिन किसी कारणवश इस प्रोजेक्ट को बीच में ही रोकना पड़ा ।पुलिस के मुताबिक, विभागीय कर्मचारी ने इस मौके का फायदा उठाते हुए दो निजी कंपनियां बनाई और अपने सगे-संबधियों के बैंक में ओर खाते खुलवाए ।इस दौरान एलएंडटी कंपनी द्वारा किए गए काम के एवज में फर्जी बिल बनाकर करोड़ों की निकासी की।बिना काम के फर्जी बिल के आधार पर भुगतान भी कर योजना राशि की लूट कर ली गई। लाभुकों के घर में बिना पाईप बिछाये पानी मीटर लगाकर लाभुक से पैसे भी ठग लिया । झारखंड के कई जिलों में बिना काम यह योजना की राशि निकाली गई जल जीवन मिशन केंद्र के पैसे का दुरूपयोग हुआ है।

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  • Sunil Singh

    Sunil Singh is Reporter at Aapki khabar from Ranchi, Jharkhand.

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