Location: Garhwa
गढ़वा:झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी अबुआ आवास योजना को लेकर जिला प्रशासन लगातार दबाव बना रहा है । प्रशासन की ओर से लाभुकों के चयन से लेकर निर्माण की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश पंचायत सचिव से लेकर तमाम संबंधित कर्मचारियों पर तो दिया जा रहा है, पर लाख तक का सवाल है कि अबुआ आवास योजना की निर्माण के लिए लाभुक बालू लांए तो लांए कहां से?
एनजीटी का रोका लगा हुआ मानो बालू माफिया का बल्ले बल्ले हो गया। जग जाहिर है कि बालू माफिया बरसात से पहले अपने-अपने सुरक्षित ठिकानों पर बालू का भंडारण कर चार, पांच गुणा ज्यादा दाम पर लोगों को बालू उपलब्ध कराते हैं पर बालू का यह भंडारण जिला प्रशासन के निगाह से दूर रहती है।
लिहाज बालू का कृत्रिम अभाव बताकर बालू माफिया अबैध कारोबार तो कर रहे हैं पर बालू की कीमत 5000 प्रति ट्रैक्टर से नीचे नहीं है ।5000 प्रति ट्रैक्टर बालू जितना चाहिए बालू माफिया उपलब्ध करा देंगे, ऐसे में गरीबों का प्रधानमंत्री आवास योजना हो अथवा अबुआ आवास योजना इसका निर्माण कैसे पूरा होगा यह यक्ष प्रश्न है। जिसका उत्तर प्रशासन के पास नहीं है, यदि है तो प्रशासन को आवास जैसे सरकारी योजना के निर्माण के लिए योजना की स्वीकृति के साथ ही बालू कहां से मिलेगा इसका भी व्यवस्था करनी चाहिए, परंतु प्रशासन ऐसा करने को तैयार नहीं है। प्रशासन के पास इस सवाल का जवाब है कि आखिर एनजीटी के रोग के बाद आवास योजना जैसे विकास कार्य में बालू कहां से उपयोग किया जा रहा है?
इसमें कोई संदेह नहीं की अभी भी बालू माफिया के द्वारा जो विभिन्न ठिकानों पर हजारों ट्रैक्टर बालू भंडारण कर ऊंची कीमत पर विक्रय किया जा रहा है, उसे यदि ईमानदारी पूर्वक सीज कर सार्वजनिक किया जाए तो हजारों आवास जैसी योजना एनजीटी के प्रतिबंध की तिथि पूरा होने के बाद तक भी होता रहेगा ,परंतु ऐसा संभव नहीं है क्योंकि बालू माफिया का रसुक इतना हैवी वेट है कि अधिकारी ऐसे अवैध भंडारण की ओर निगाह डालने में या तो खतरा महसूस करते हैं या कहीं न कहीं अवैध बालू भंडारण में इनकी भी भूमिका रही है।