Location: Garhwa
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की गढ़वा जिला इकाई द्वारा जिला समाहरणालय के सामने राज्य सरकार के शिक्षा, रोजगार, और महिला सुरक्षा में पांच वर्षों की विफलता के विरोध में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस धरने में मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय प्रादेशिक विश्वविद्यालय सह प्रमुख विनीत पांडे उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि 2019 के विधानसभा चुनावों में सरकार ने विद्यार्थियों को शिक्षा, युवाओं को रोजगार और महिलाओं को सुरक्षा का वादा किया था। आज, पांच साल बाद, राज्य झारखंड अभी भी गरीबी और कमजोर प्रशासन की समस्याओं से जूझ रहा है।
उन्होंने कहा कि झारखंड, जो देश के 40 प्रतिशत खनिज संपदा का धनी राज्य है, यहां की लगभग 40 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही है, और 20 प्रतिशत से अधिक बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। तिलका मांझी और सिदो कान्हू जैसे क्रांतिकारियों के बलिदान से स्थापित यह राज्य आज भी समस्याओं से घिरा हुआ है। विनीत पांडे ने राज्य सरकार पर झारखंड को “लूट खंड” बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री खुद घोटालों के आरोपों में घिरे हुए हैं और वर्तमान में जमानत पर बाहर हैं।
विभाग संयोजक शशांक ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में राज्य की शिक्षा, सुरक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सेवाओं में कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं हुआ है। झारखंड की सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था बेहद चिंताजनक स्थिति में है और समाज के गरीब और शोषित वर्गों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच में राज्य काफी पीछे है। शुभम तिवारी, जिला संयोजक, ने कहा कि सरकार का वादा, हर साल 5 लाख युवाओं को रोजगार देने और बेटियों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने का, पूरी तरह से विफल साबित हुआ है। पिछले पांच सालों में राज्य में शिक्षा व्यवस्था वेंटिलेटर पर आ गई है, विश्वविद्यालयों में नियमित कुलपति और कॉलेजों में प्रधानाचार्य नहीं हैं, और शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थियों की शिक्षा प्रभावित हो रही है।
धरना प्रदर्शन में विश्वविद्यालय संयोजक मंजुल शुक्ल, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राजा यादव, सचिन चौबे, प्रिंस सिंह, अंकित कुमार, आदि उपस्थित थे।