Location: रांची
राजनीतिक दलों ने विधानसभा चुनाव की तैयारी तेज कर दी है। भारतीय जनता पार्टी तैयारी में आगे चल रही है। झारखंड विधानसभा का चुनाव दो माह पूर्व अक्टूबर में होने की संभावना है। भारत निर्वाचन आयोग की टीम चुनाव तैयारी की जानकारी लेकर रांची से दिल्ली वापस लौट गई है। आयोग की टीम ने राज्य के अधिकारियों को चुनाव की तैयारी तेज करने के निर्देश दिए हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में आदिवासियों के लिए आरक्षित 28 विधानसभा सीटों में से भाजपा सिर्फ दो ही सीट जीत पाई थी। इसलिए इसबार हारी हुई 26 सीटों पर पहले उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी। संभावना जताई जा रही है कि इस महीने के अंत तक या फिर अगस्त महीने में उम्मीदवारों की घोषणा कर दी जाएगी। पार्टी इस बार अर्जुन मुंडा सहित सभी बड़े आदिवासी नेताओं को चुनाव में उतरेगी ताकि हारी हुई सीटों पर जीत हासिल की जा सके। इसी रणनीति के तहत पिछले दिनों राज्य के चुनाव सह प्रभारी असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व सरमा ने अधिकांश आदिवासी नेताओं के घरों पर जाकर मुलाकात की थी, और चुनाव पर चर्चा की थी। सभी बड़े आदिवासी नेताओं को चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने को कह दिया गया है।
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में हारी हुई सीटों पर भाजपा ने चुनाव से दो-तीन महीने पहले ही उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी। इस रणनीति का लाभ चुनाव में भाजपा को मिला और अधिकांश प्रत्याशी चुनाव जीतने में सफल रहे। झारखंड में भी भाजपा इसी सोच के साथ आगे बढ़ रही है। ऐसा करने से उम्मीदवारों को मतदाताओं तक जाने के लिए और अपनी बात पहुंचाने के लिए काफी समय मिल जाएगा।
भाजपा आदिवासी सीटों के साथ-साथ कुछ सामान्य सीटों पर भी उम्मीदवारों की घोषणा चुनाव की घोषणा से पहले कर देगी। पार्टी में उम्मीदवारों की चयन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। इधर चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री फिर रांची आ रहे हैं। चुनाव प्रभारी का दौरा झारखंड में तेज हो गया है।
शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर ही लोकसभा चुनाव में बेहतर काम करने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं को सम्मानित करने का अभियान पूरे प्रदेश में चल रहा है । इसका असर भी दिखाई पड़ रहा है । कार्यकर्ताओं में उत्साह है। भाजपा इस बार विधानसभा में बहुमत हासिल करने के लिए हर रणनीति पर काम कर रही है।