
Location: Garhwa
हाइकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को सुने
गढ़वा विधानसभा चुनाव खत्म हुए महीनों बीत चुके हैं, लेकिन भाजपा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी और झामुमो नेता व पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर के बीच राजनीतिक टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह विवाद अब प्रशासनिक फैसलों से बढ़कर न्यायालय की चौखट तक पहुंच गया है। ऐसा कहा जाना अन्यथा नहीं होगा।
रामनवमी के अवसर पर डीजे बजाने को लेकर उपजे विवाद में विधायक सत्येंद्र तिवारी ने जिला प्रशासन की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि जब झारखंड के अन्य जिलों में डीजे पर रोक नहीं है, तो गढ़वा में यह प्रतिबंध क्यों लगाया गया? उन्होंने इस फैसले के पीछे पूर्व मंत्री के प्रभाव की बात कही। बावजूद इसके, प्रशासन ने डीजे पर रोक जारी रखी।
चिनिया निवासी योगेंद्र साह पर हुए जानलेवा हमले को लेकर भी मामला गरमाया हुआ है। विधायक ने इस मामले को विधानसभा में उठाते हुए आरोप लगाया कि प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल उठाया था। साथ ही आरोप लगाया था कि में पूर्व मंत्री के समर्थकों को संरक्षण दिया जा रहा है। इसी मामले में योगेंद्र साह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सीबीआई जांच की मांग की है।
दरअसल सात मार्च को चिनिया में बीडीसी प्रतिनिधि, आरटीआई कार्यकर्ता और विधायक समर्थक योगेंद्र साव पर हुए हमले की जांच भी अब हाईकोर्ट तक पहुंच चुकी है। योगेंद्र साव ने झामुमो नेता नितेश सिंह को हमले का मुख्य षड्यंत्रकारी बताया है और कोर्ट में क्रिमिनल रिट दाखिल कर सीबीआई जांच की मांग की है।
उन्होंने आरोप लगाया कि नितेश सिंह ने मनरेगा और वित्त आयोग की योजनाओं में करोड़ों रुपये का घोटाला किया है, और जब उन्होंने इसकी शिकायत की तो उन्हें कई बार जान से मारने की धमकी दी गई। उन्होंने हमले से जुड़े ऑडियो साक्ष्य भी अदालत में प्रस्तुत किए हैं।
योगेंद्र साव की याचिका में नितेश सिंह, उनकी पत्नी पम्मी देवी और परिजनों की संपत्तियों की जांच की भी मांग की गई है। यह मामला अब गढ़वा से निकलकर पलामू, रांची, छत्तीसगढ़ और दिल्ली तक फैली संपत्तियों की जांच की ओर बढ़ चुका है।
गढ़वा की राजनीति में विधायक और पूर्व मंत्री के बीच की खींचतान अब सड़कों से कोर्ट तक पहुंच चुकी है। टकराव प्रशासनिक फैसलों, कानूनी लड़ाइयों और आरोप-प्रत्यारोपों के माध्यम से लगातार गहराता जा रहा है।