Location: Ranka
:- अपने सुहाग की अचल आयु की कामना के लिए सुहागिनों ने बट साबित्री पूजा के मौके पर उपवास पूर्वक पूजा की तथा परमात्मा से अपने सुहाग की हर क्षण रक्षा करने की कामना की । गुरुवार को बट सावित्री पूजा के मौके पर शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों की सभी सनातनी सुहागिन महिलाओं ने सुबह से दोपहर बाद तक इस संपूर्ण पृथ्वी पर अटल विश्वास का प्रतीक माने जाने वाले परमात्म स्वरूप बट वृक्ष की पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना कर अपने पति के लंबी उम्र की कामना की।
शास्त्रीय मतानुसार सतयुग काल में जंगल में जलावन की लकड़ी लेने गए बट वृक्ष के नीचे बिश्राम कर रहे सावित्री ने अपने पति सत्यवान के असमय प्राण हरण कर यमपुरी ले जा रहे यमराज से अपने घोर सतीत्व के प्रभाव से हठपूर्वक अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस ला कर बचाए थे तब से अटल विश्वास का प्रतीक बने अपने पति के लंबी उम्र की कामना के लिए बट वृक्ष की पूजा करने की परंपरा आज भी जारी है बट साबित्री पूजा के मौके पर सैकड़ों की संख्या में बट वृक्षों के नीचे हजारों की संख्या में श्रद्धालु महिलाओं ने पूरे विधि-विधान से पूजा कर अपने अचल सुहाग की कामना की।