Location: Garhwa
बाबा बंशीधर तथा माता केतार की पावन भूमि भवनाथपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र में 2024 के चुनाव को लेकर राजनीतिक चहलकदमी बढ़ती जा रही है. वैसे तो इस विधानसभा चुनाव क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए इंडिया तथा एनडीए गठबंधन के अलावा दूसरे राजनीतिक पार्टियों से जुड़े कई नेताओं द्वारा अपने-अपने हिसाब से जोड़-तोड़ शुरू कर दिया गया है किंतु मैदान में मुख्य रूप से फिलहाल तीन ही लोग सक्रिय दिख रहे हैं जिसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा से पूर्व विधायक अनंत प्रताप देव भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही तथा बहुजन समाज पार्टी से पंकज चौबे का नाम शामिल है. बावजूद इसके भवनाथपुर में मुख्य मुकाबला एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के बीच ही होने की ज्यादा संभावना दिख रही है.
झारखंड का 81वां विधानसभा क्षेत्र भवनाथपुर में गठबंधन के हिसाब से जहां एक ओर एनडीए का तस्वीर सिटिंग गेटिंग के आधार पर साफ है कि यह सीट भाजपा के लिए सुरक्षित है वहीं दूसरी ओर इंडिया गठबंधन के हिसाब से इस सीट पर कांग्रेस राष्ट्रीय जनता दल तथा झारखंड मुक्ति मोर्चा में से सीट शेयरिंग में किसके हिस्से में जाएगा.इसे लेकर क्लियर नहीं है. हालांकि उम्मीदवार की दृष्टि कौन से झारखंड मुक्ति मोर्चा भारी पड़ेगा. बावजूद इसके कि भवनाथपुर विधानसभा कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है 20 19 के चुनाव में इस विधानसभा चुनाव क्षेत्र से कांग्रेस का ऐसा फजिहत हुआ कि उसके प्रत्याशी केपी यादव जमानत भी नहीं बचा पाए थे. वैसे भी माना जाता है कि कांग्रेस इस सीट पर तभी मजबूत दिखी जब नगर उंटारी गढ परिवार से संबंधित कोई उम्मीदवार इस पार्टी से चुनाव लड़ा. ऐसे में गठबंधन के पास यहां अनंत प्रताप देव को छोड़कर कोई ऐसा दूसरा राजनीतिक चेहरा नहीं दिखलाई पड़ रहा है जिसके लिए गठबंधन से संबंधित राजनीतिक पार्टियों इस सीट पर मजबुती से दावेदारी ठोक पांए.हालांकि कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रहे मानस सिन्हां की नजर भवनाथपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र से पिछले काफी वर्षों से है तथा मानस की यह कोशिश है कि वे एक बार भवनाथपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र में चुनाव लड़े इसके लिए मानस सिंन्हा अपने स्तर से सीट शेयरिंग में कांग्रेस के झोली में चला जाए इसकी कोशिश में लगे हैं. पिछले दिनों कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर का गढ़वा जिले का दौरा भी मानस सिन्हा के इसी प्रयास का एक हिस्सा माना जा रहा था परंतु कांग्रेस पार्टी ने जब से प्रदेश अध्यक्ष का पद केशव महतो के हाथ शॉपी है तभी से यह माना जा रहा है की मानस सिन्हा जैसे हवा हवाई नेता की दाल बिल्कुल ही नहीं गलेगी. साथ ही झारखंड मुक्ति मोर्चा पलामू की अपनी पार्टी के लिए सुखे धरती पर 2019 के चुनाव में गढ़वा जिले में पहली बार मिथिलेश ठाकुर के रूप में गढ़वा से विधायक बनने से इस जिले को लेकर काफी गंभीर है तथा भवनाथपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र से अनंत प्रताप देव को चुनाव लड़ाने के प्रति पूरी तरह से सीरियस है. ऐसे में झारखंड मुक्ति मोर्चा के आगे कांग्रेस कहां तक टिकेगी अनुमान लगाया जा सकता है.
ऐसे में जहां एनडीए की ओर से अनुमान लगाया जा रहा है कि स्टिंग गेटिंग के आधार पर चुनाव मैदान में भानु प्रताप शाही उम्मीदवार होंगे वहीं इंडिया गठबंधन की ओर से पूरी संभावना है कि अनंत प्रताप देव ही ताल ठोकेंगे वैसे भी अनंत प्रताप देव की रंग बदलने की फितरत रही है, भले ही इंडिया गठबंधन की सीट शेयर में झारखंड मुक्ति मोर्चा के बजाय कांग्रेस की झोली में भवनाथपुर चला जाए पर, उन्हें ज्यादा फर्क नहीं पड़ता 2014 का चुनाव की चर्चा को स्मरण कीजिए कहा जा रहा था कि दिल्ली के फ्लाइट से अपने पैकेट में कांग्रेस का सिंबल लेकर रांची एयरपोर्ट पर उतरे थे,पर उन्होंने एयरपोर्ट पर कांग्रेस के सिंबल को भाजपा के सिंबल से बदल दिया था और चुनाव मैदान में भाजपा के सिंबल पर एन मौके पर पैतरा बदलकर उतर गए थे. ऐसे में इंडिया गठबंधन से अनंत प्रताप देव के ही प्रत्याशी होने की पूरी संभावना है भले ही सीट शेयरिंग में जिस किसी राजनीतिक पार्टी की झोली में यह सीट जाए.
जहां तक गठबंधन के हिसाब से भवनाथपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र का विश्लेषण का प्रश्न है तो निश्चित रूप से पलामू लोकसभा चुनाव के परिणाम के आधार पर यह कहा जा सकता है कि भवनाथपुर में एनडीए का दबदबा है क्योंकि 20 24 के लोकसभा चुनाव में एनडीए के प्रत्याशी बी डी राम को यहां जहां 153075 वोट मिले थे वहीं इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी ममता भुइया को 98964 मत ही प्राप्त हो पाया था ऐसे में एनडीए गठबंधन के प्रत्याशी विष्णु दयाल राम इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी ममता से 54111 वोट से लीड लिए थे यहां इंडिया गठबंधन के मुकाबले एनडीए मजबूत रहा है परंतु पिछले अनुभव के आधार पर यह कहा जा सकता है कि लोकसभा का परिणाम राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय मुद्दे के आधार पर मतदाताओं के मतदान करने के कारण विधानसभा चुनाव परिणाम को काफी हद तक प्रभावित नहीं कर पता है क्योंकि स्थानीय मुद्दे विधानसभा चुनाव में लोकसभा चुनाव के मुकाबले प्रभावी रहते हैं. वैसे भी पलामू,लोकसभा चुनाव के हिसाब से भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता है
बावजूद इंडिया गठबंधन को भी कमजोर कर आकना सही नहीं होगा 2019 के भवनाथपुर के विधानसभा चुनाव पर गौर करें तब यहां पर भाजपा की सिंबल पर दोबारा लगातार चुनाव जीते भानु प्रताप शाही को 37.9%,96818 मत मिला था जबकि बहुजन समाज पार्टी की प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रही सोगरा बीवी को 22.3%,,56914 वोट मिले थे,वहीं निर्दलीय होकर भी अनंत प्रताप देव 20.8%, 53050 वोट लाने में कामयाब हुए थे. तात्पर्य यह की भवनाथपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र की राजनीति में भाजपा इंडिया गठबंधन को 2014 के चुनाव में शिकस्त देने के बाद लगातार मजबूत हुई है.ऐसे में गठबंधन के हिसाब से एनडीए गठबंधन का पलड़ा रिकॉर्ड के आधार पर भवनाथपुर में भारी दिख रहा है पर हमें यह भी याद रखना चाहिए की भवनाथपुर विधानसभा चुनाव की राजनीति में दल से ज्यादा जनता के सवाल पर संघर्ष करने वाले उम्मीदवार को पसंद किया गया है. ऐसे में इंडिया गठबंधन भी इस बार भवनाथपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र की राजनीति में जिस प्रकार से सक्रिय दिख रहा है इस गठबंधन के संभावित प्रत्याशी अनंत प्रताप देव अपने परंपरागत राजनीतिक प्रतिद्वंदी भानु प्रताप शाही के खिलाफ एक-एक मुद्दे पर हमलावर हैं यह मानकर चला जा रहा है कि इस बार भवनाथपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र में भारी घमासान होने की संभावना है.