Location: Garhwa
गढ़वा: झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता धीरज दुबे ने वन नेशन, वन इलेक्शन के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि भाजपा इस प्रणाली को लागू कर स्थानीय नेतृत्व और छोटे-छोटे मुद्दों को गौण करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि अलग-अलग समय पर चुनाव होने से राजनीतिक दलों को जनता के प्रति जवाबदेह रहना पड़ता है। छोटे स्तर के चुनावों में जनता को अपनी पसंद के प्रतिनिधि चुनने का अवसर मिलता है। लेकिन सारे चुनाव एक साथ होने से बड़े मुद्दे हावी हो जाएंगे, और पंचायत एवं स्थानीय स्तर के छोटे मुद्दे पूरी तरह दब जाएंगे
धीरज दुबे ने यह भी कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन के तहत हाईटेक प्रचार-प्रसार के इस युग में स्वतंत्र उम्मीदवारों के लिए चुनाव लड़ना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे अक्षम प्रत्याशी केवल पार्टी प्रचार के भरोसे जीत सकते हैं, और जनता के वास्तविक मुद्दे पीछे छूट जाएंगे।
उन्होंने कहा कि अलग-अलग चुनावों में जनता को अलग-अलग फैसले लेने का अवसर मिलता है। जैसे, आम चुनाव में एक पार्टी और विधानसभा में दूसरी पार्टी को बहुमत देना। एक साथ चुनाव होने से जनता की यह स्वतंत्रता भी प्रभावित होगी।
वन नेशन, वन इलेक्शन के तहत मतदाता सूची 5 साल में एक बार प्रकाशित होगी। इससे 18 साल की आयु पूरी करने वाले नए मतदाता अगले चुनाव तक मतदान के अधिकार से वंचित रह सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में बाढ़, चक्रवात, भूस्खलन जैसी आपदाओं के दौरान एक साथ चुनाव कराना अव्यावहारिक प्रतीत होता है। केंद्र सरकार को इस योजना के तहत हंग असेंबली या अन्य आपात स्थितियों में वैकल्पिक व्यवस्था पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
झामुमो प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा केवल समय और खर्च बचाने का तर्क देकर लोकतांत्रिक मूल्यों की अनदेखी कर रही है, जो जनता के अधिकारों पर सीधा हमला है।