Location: Garhwa
उपायुक्त गढ़वा शेखर जमुआर की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में “सुप्रीम कोर्ट कमिटी ऑन रोड सेफ्टी” के तहत जिला अंतर्गत सभी सीबीएसई, आईसीएससी वह अन्य बोर्डों से मान्यता प्राप्त विद्यालयों के विद्यालय प्रबंधकों के साथ स्कूल बस अन्य स्कूली वाहनों में सड़क सुरक्षा के मानकों के अनुपालन के निमित्त बैठक आहूत की गई। उक्त बैठक के दौरान राज्य में सड़क दुर्घटनाओं एवं उनसे होने वाली मौतों पर चर्चा किये गए, जिसके क्रम में यह बात सामने आई की निजी विद्यालय प्रबंधन द्वारा स्कूल बसों के लिए निर्धारित मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है। स्कूल बसों/वाहनों में निश्चित सीट से अधिक बच्चों का आवागमन कराने तथा विद्यालय प्रबंधन द्वारा शहरों के यातायात की स्थिति समझे बिना स्कूल बस ड्राइवर को आने जाने हेतु अपेक्षाकृत कम समय दिए जाने के चलते सड़क दुर्घटना के कारण बन रहे हैं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय की रोड सेफ्टी पर गठित समिति की अनुशंसा के आलोक में रोड सेफ्टी को बढ़ावा देने में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के विद्यालय एवं सीबीएसई, आईसीएसई एवं अन्य बोर्डों से मान्यता प्राप्त विद्यालयों में विद्यार्थियों की सुरक्षा एवं विद्यालय बसों में सुरक्षा मानकों के अनुरूप संचालन, बस की ओवरलोडिंग तथा कम उम्र के विद्यार्थियों द्वारा बिना वाहन अनुज्ञप्ति के ही वाहन संचालित करते हुए विद्यालय आना-जाना अथवा निजी प्रयोजन में वाहन प्रयोग नहीं करने पर जागरूक करने एवं मोटरयान अधिनियम 1988 के विभिन्न धाराओं का तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित निर्देशों का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित कराने को लेकर उपस्थित सभी विद्यालय प्रबंधकों को निदेशित किया गया।
बैठक के दौरान कहा गया कि सड़क दुर्घटनाओं एवं उनसे होने वाली मौतों की स्थिति को कम करने के लिए विद्यालयों द्वारा सुरक्षा के मानकों का सख्ती से अनुपालन किया जाना आवश्यक है। मौके पर उपस्थित पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार पांडेय द्वारा कहा गया कि सभी स्कूलों को एक फॉर्मेट भेजा जाए, जिसमें सभी वाहन चालकों के डिटेल्स एवं ड्राइविंग लाइसेंस आदि से संबंधित जानकारी रखी जाए। सभी मानकों पर खरा उतरने वाले वाहनों का ही प्रयोग विद्यार्थियों के परिचालन हेतु करायें। स्कूली बच्चों के के आवागमन हेतु ऐसी कोई भी वाहन जो ओपन बॉडी वाले हो, को प्रतिबंधित किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो पुलिस प्रशासन द्वारा ऐसे वाहनों को ज़ब्त कर लिया जाएगा एवं संबंधित विद्यालयों पर भी उचित कार्रवाई की जाएगी। बैठक में उपस्थित सभी स्कूल प्रबंधकों को रोड सेफ्टी से संबंधित सभी आवश्यक मानकों की जानकारी दी गई।
बैठक के दौरान कहा गया कि उपरोक्त कार्यों में विद्यालय प्रबंधन सक्रिय भूमिका निभाती है। प्राय: विद्यालयों द्वारा इसमें सहयोग भी किया जाता है एवं निर्देशों का अनुपालन किया जाता रहा है। विशेष तौर पर वर्तमान में आवश्यकता है कि विद्यार्थियों अभिभावकों एवं शिक्षकों के बीच तथा विद्यालय के अन्य कर्मियों को भी सूचना के माध्यम से और अधिक सतर्क एवं जागरूक किया जाए। इसके लिए प्रत्येक माह पीटीएम (पैरेंट टीचर मीटिंग) बुलाने हेतु स्कूल प्रबंधकों को निर्देशित किया गया।
सभी स्कूल प्रबंधक/प्राचार्य के साथ स्कूली वाहनों के रख-रखाव तथा नियमानुसार परिचालन हेतु आहूत बैठक में माननीय Supreme Court Committee on Road Safety के द्रारा प्राप्त निदेश के अनुसार सभी प्राचार्य को निदेश दिया गया है कि विद्यालय में अव्यस्क छात्रों के द्वारा वाहन परिचालन पर पूर्णतः रोक लगाई जाए तथा किसी भी परिस्थिति मे विद्यालय के वाहनो मे ओवरलोडिंग ना की जाए। विद्यालय के सभी शिक्षक/कर्मी विद्यालय आवागमन के दौरान निश्चित रूप से हेलमेट तथा सीटबेल्ट का उपयोग करें तथा प्राचार्य के स्तर से इस संबंध मे विद्यालय/महाविद्यालय मे नोटिस लगाई जाए। विद्यालय मे सड़क सुरक्षा से संबंधित नोडल शिक्षक नामित की जाए तथा विद्यालयों में समय समय पर सड़क सुरक्षा से संबंधित कार्यशाला आयोजित की जाए। सभी विद्यालयों के प्राचार्य को निदेश दिया गया कि छात्रों के आवागमन हेतु उपयोग हो रहे विद्यालय के सभी वाहनों (बस/ऑटो/टेम्पों) के अन्दर तथा बाहर की ओर बैठान क्षमता, बैठने वाले छात्रों की सूची, प्राचार्य/परिवहन प्रबंधक तथा आपातकालिन सेवा (पुलिस/एंबुलेंस) का मोबाइल नंबर अंकित किया जाए तथा स्कूल वाहन से संबंधित सभी मानकों का पालन किया जाए। विद्यालय के सभी वाहनों से संबंधित सभी कागजात यथा Fitness, SLD, Pollution, Road Tax, Permit, अद्यतन रखने का निदेश दिया गया। साथ ही वाहन चालको के ड्राइविंग लाइसेंस को भी सत्यापित कराने की बात कही गई। विद्यालय के प्रवेश द्वार, पार्किंग स्थल, स्कूल बस, अन्य वाहन तथा अन्य सभी महत्वपूर्ण स्थान पर CCTV कैमरा अधिष्ठापित करने की बात कही गई। साथ ही इस बात से अवगत कराया गया कि यातायात जाँच के दौरान विद्यालय आवागमन हेतु अगर कोई अव्यस्क छात्र निजी वाहन का उपयोग करते पकड़ा जाता है तो इसकी पूर्णतः जिम्मेवारी विद्यालय की होगी तथा इस संबंध मे संबंधित विद्यालय के विरूध कड़ी कारवाई की जाएगी। सभी प्राचार्य विद्यालय मे वाहन चालकों का औचक निरीक्षण करें तथा नशा करने वाले चालकों के विरूध कड़ी कारवाई करें। अगर विद्यालय के आसपास सड़क हो तो बच्चों को सड़क पार कराने मे विद्यालय के शिक्षक आवश्यक सहायता प्रदान करें। विद्यालय में आयोजित शिक्षक अभिभावक बैठक (PTM) के दौरान अभिभावकों को Supreme Court Committee on Road Safety के द्वारा प्राप्त निदेशों से अवगत कराया जाए। साथ ही सहमति पत्र लिया जाए की सक्षम पदाधिकारी के स्तर से निर्गत ड्राइविंग लाइसेंस के बिना अपने बच्चों को वाहन परिचालन करने की अनुमति नहीं देंगे।
उक्त निदेशों के अनुपालन नही करनें वाले विद्यालयों पर MV Act के सुसंगत धाराओं के तहत नियमानुसार कड़ी कारवाई की जाएगी। उपस्थित विद्यालयों के सभी संबंधित प्राध्यापकों/प्रबंधकों से इसमें आवश्यक सहयोग करने की अपील की गई है।