Location: रांची
रांची: वर्तमान विधानसभा का आखिरी सत्र आज खट्टे मीठे अनुभव के साथ समाप्त हो गया। अब विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में नई सरकार बनेगी तब फिर विधानसभा का सत्र बुलाया जाएगा। सत्र के अंतिम दिन भी खूब हंगामा हुआ। पक्ष-विपक्ष ने एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए। अंतिम दिन विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो को हटाने की भी मांग उठी। भाजपा ने एक साथ 18 विधायकों को निलंबित किए जाने के विरोध में विधानसभा अध्यक्ष को हटाने के लिए सचिव को नोटिस दिया।
दोपहर 2 बजे के बाद निलंबित सभी भाजपा विधायक सत्र में शामिल हुए। विधायकों ने विधानसभा के अंदर पहुंचकर फिर से अपनी मांग उठाई और हंगामा किया। विरोधी दलों के निशाने पर आज स्पीकर रविंद्र नाथ महतो रहे। प्रतिपक्ष के नेता अमर बबाउरी, प्रदेश अध्यक्ष विधायक बाबूलाल मरांडी सहित कई भाजपा विधायकों ने स्पीकर रविंद्र नाथ महतो पर निष्पक्ष नहीं रहने का आरोप लगाया। कहा कि वह सरकार के इशारे पर सदन का संचालन कर रहे हैं। उनका व्यवहार पार्टी कार्यकर्ता की तरह है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इशारे पर विरोधी दलों की आवाज दबा रहे हैं । स्पीकर की कार्रवाई निष्पक्ष नहीं है। इसलिए उन्हें पद पर नहीं रहना चाहिए। हटाया जाना चाहिए।
इधर सत्र के समापन के मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी सरकार की उपलब्धियां बताते हुए भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने भाजपा पर कई गंभीर आरोप लगाए और कहा कि भाजपा के लोगों ने उन्हें गलत मुकदमे में फंसा कर जेल भेजने का काम किया। हेमंत सोरेन ने सरकार द्वारा किए गए लगभग सभी कार्यों की जानकारी विस्तार से दी।
विधानसभा में फिर मिलेंगे के वादे के साथ विधायक लौट गए। लेकिन अब विधानसभा चुनाव में कितने लोग फिर से जीत कर आएंगे यह देखना होगा। संभव है वर्तमान विधानसभा के सदस्यों में कई लोग चुनाव हारेंगे और कई नए चेहरे जीत कर आएंगे।
बहरहाल विधानसभा का अंतिम सत्र भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। जनता की आवाज सरकार तक नहीं पहुंच पाई। छोटे से सत्र का पक्ष विपक्ष ने सदुपयोग नहीं किया । सरकार ने जरूर अपने विधायक कार्य निपटा लिए। भाजपा विधायकों ने रातभर सदन में धरना देकर झारखंड के लिए इतिहास ही रच दिया है। झारखंड गठन के बाद पहली बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई।