Location: Garhwa
गढ़वा : सदर अस्पताल में व्यवस्था चरमरा गई है। आलम है एक-दूसरे पर फेंक कर चिकित्सक अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ने में लगे रहते हैं। रविवार को भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। अस्पताल प्रबंधन के गैरजिम्मेवाराना रवैये के कारण शनिवार की रात में इलाज के दौरान मृत एक अज्ञात व्यक्ति के शव सदर अस्पताल में रविवार की शाम तक पड़ा रहा। यह स्थिति चिकित्सक द्वारा मृतक के शव के पोस्टमार्टम समेत अग्रेतर कार्रवाई के लिए पुलिस को सूचना नहीं दिए जाने के कारण उत्पन्न हुई। इसका खामियाजा यह हुआ कि सदर अस्पताल में जिस ओर से मरीजों एवं उनके स्वजनों का आना-जाना लगा रहता है, वहीं पर शव भी करीब 21 घंटे तक पड़ा रहा।
बताते चलें कि शनिवार की देर शाम को गढ़वा-शाहपुर मार्ग पर गढ़वा थाना क्षेत्र के हूर मोड़ के समीप एक अज्ञात व्यक्ति घायल अवस्था में पड़ा था। इसकी सूचना मिलने पर गढ़वा थाना पुलिस ने उसे सदर अस्पताल में लाकर भर्ती कराया। लेकिन सदर अस्पताल में इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई। लेकिन सदर अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी में मौजूद चिकित्सक ने मृत घोषित तो कर दिया। लेकिन गढ़वा थाना पुलिस को मृतक के बारे में सूचना नहीं भेजवाया। इस कारण शनिवार की रात करीब आठ बजे से लेकर रविवार की शाम पांच बजे तक सदर अस्पताल में ही शव पड़ा रहा। बाद में अस्पताल प्रबंधन ने रविवार के शाम पांच बजे थक-हार कर शव को अस्पताल के कर्मी एवं समाजसेवी अभिषेक सिंह के माध्यम से पोस्टमार्टम हाउस में ले जाकर रखवाया है। हालांकि जानकार सूत्रों की मानें तो अस्पताल प्रबंधन ने पीजी बांड पर प्रशिक्षण के लिए सदर अस्पताल में आए प्रशिक्षु चिकित्सकों से रात में इमरजेंसी ड्यूटी करा रहा है। जबकि नियमानुसार पीजी बांड पर कार्य करने वाले चिकित्सक किसी घायल का इंज्यूरी समेत किसी सरकारी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के लिए अधिकृत नहीं है। ऐसी स्थिति में कई मामले लंबित रह जाते हैं। लेकिन सदर अस्पताल प्रबंधन इसका समुचित समाधान करने के बजाय चुप्पी साधे हुए है।
-पक्ष-
पुलिस ने शव को रखने के लिए आवेदन दिया था। इस कारण उसे सदर अस्पताल में रखा गया था। अब उसे पोस्टमार्टम हाउस में रखवाया गया है।
- डा. हरेनचंद महतो, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल, गढ़वा।