Location: Meral
मेराल: मेराल प्रखंड के कई गांवों के किसान नीलगाय के आतंक से परेशान हैं, जिनके खेतों में लगे आलू, गेहूं, अरहर और चना की फसलें लगातार नष्ट हो रही हैं। इन किसानों ने वन विभाग के अधिकारियों से फसल बचाव के लिए कदम उठाने की मांग की है।
हासनदाग, रेजो, करकोमा, बाना, कजराठ जैसे गांवों के किसान, जिन्होंने केसीसी ऋण लेकर फसलें उगाई थीं, अब नीलगायों के झुंड के कारण अपनी फसलें बचाने में असमर्थ हैं। किसानों ने बताया कि उन्होंने खेतों के चारों ओर घेरा भी लगाया था, लेकिन नीलगाय रात्रि में उसे तोड़कर या कूदकर फसलें खा जा रही हैं, जिससे करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है।
किसानों का कहना है कि वन विभाग न तो फसल बचाने के लिए कोई कदम उठा रहा है और न ही इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रहा है। उन्होंने सरकार और वन विभाग से नीलगाय के रोकथाम और फसल बचाव की मांग की है, अन्यथा वे खेती बंद करने का विचार कर रहे हैं।
इस मामले में अंचलाधिकारी यशवंत नायक ने कहा कि उन्होंने नीलगाय द्वारा फसल को नुकसान पहुंचाने की सूचना प्राप्त की है और वन विभाग को मुआवजा भुगतान के लिए सिफारिश भेजी जाएगी। वहीं डीएफओ अंशुमन राजहंस ने बताया कि जिले में लगभग 35-40 हजार नीलगाय हैं और इन्हें पकड़कर व्याघ्र परियोजना क्षेत्र में भेजने का प्लान है।