Location: रांची
रांची: झारखंड में नवंबर में विधानसभा का चुनाव होगा। चुनाव से पहले झारखंड की राजनीति में तूफान के साफ संकेत हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा में बगावत की खबर है। पूर्व मुख्यमंत्री व हेमंत सोरेन सरकार में कैबिनेट मंत्री चंपई सोरेन ने बगावत कर दी है। अपमान से आहत हैं, और पार्टी छोड़ने का फैसला कर चुके हैं। झारखंड में मची राजनीतिक उथल-पुथल के बीच आज एक ओपिनियन पोल भी सामने आ गया। चुनाव से पहले झारखंड के लिए यह पहला ओपिनियन पोल है। ओपिनियन पोल में भाजपा की लहर दिख रही है। जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा- कांग्रेस गठबंधन की हार की संभावना जताई गई है।
टाइम्स नाउ और मैट्रिज संस्था की ओर से कराए गए ओपिनियन पोल में भाजपा की सरकार बनती दिख रही है। चुनाव में भाजपा को 40 से 50 सीट आने की संभावना है। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा व कांग्रेस गठबंधन को 26 से 36 सीट आ सकती है। अन्य के खाते में तीन से आठ सीट जाती दिखाई दे रही है।
वोट शेयर की बात करें तो भाजपा + आजसू गठबंधन को 50% और झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस गठबंधन को 30% वोट मिलने की संभावना है। ओपिनियन पोल के अनुसार एनडीए की बात करें तो भाजपा को 38 से 43 और आजसू को 2 से 7 सीट मिल सकती है। जबकि झामुमो को 19 से 24 सीट और कांग्रेस को 7 से 12 सीट मिल सकती है।
ओपिनियन पोल के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में झारखंड में माहौल दिख रहा है, और अगर यही स्थिति रही तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार यहां आराम से बन जाएगी। और झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस गठबंधन की विदाई हो जाएगी।
ओपिनियन पोल के अनुसार मुख्यमंत्री के रूप में बाबूलाल मरांडी लोगों की पहली पसंद हैं। 41% लोग बाबूलाल मरांडी को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, जबकि 32% लोग हेमंत सोरेन को पसंद कर रहे हैं। अर्जुन मुंडा को 9%, चंपई सोरेन को 5% और अन्य को 13% लोग मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं।
ओपिनियन पोल आने के बाद जहां एनडीए खेमे में उत्साह है जबकि इंडिया गठबंधन के लोग इसे नकार रहे हैं।