Location: रांची
रांची: हेमंत सोरेन सरकार ने विधानसभा चुनाव में शानदार वापसी की है. झारखंड गठन के बाद पहली बार किसी गठबंधन की सत्ता में वापसी हुई है. सीएम हेमंत सोरेन अब नई सरकार के गठन की कवायद में जुट गए हैं. उनके संभावित मंत्रिमंडल की चर्चा शुरू हो गई है. इस बार विधायकों की संख्या अधिक है. कई नए क्षेत्रों से भी गठबंधन के प्रत्याशी जीत कर आएं हैं, इसलिए मंत्रियों के नाम के चयन में परेशानी भी होगी. क्षेत्रीय संतुलन के साथ-साथ जातीय संतुलन का ख्याल भी रखना होगा. सरकार में शामिल चार मंत्री चुनाव हार गए हैं. इनकी जगह अब नए लोगों की एंट्री होगी. चार में तीन झामुमो के ही हैं. कांग्रेस कोटे के मंत्री बन्ना गुप्ता भी हार गए हैं.
वर्तमान सरकार में झामुमो के छह, कांग्रेस के चार व राजद का एक मंत्री कैबिनेट में है. राजद ने इस बार बेहतर प्रदर्शन करते हुए चार सीटों पर जीत हासिल की है. हेमंत सोरेन की दूसरी पारी में संख्या यही रहने की संभावना है. राजद एक मंत्री की मांग कर सकता है, लेकिन मिलेगा नहीं. हेमंत सोरेन पहले से अधिक मजबूत हुए हैं, इसलिए किसी के दबाव में नहीं आने वाले हैं. राजद को एक मंत्री से ही संतोष करना पड़ेगा. कांग्रेस का भी कोटा नहीं बढ़ेगा यह तय है.
झामुमो से कौन मंत्री होगा यह तय खुद हेमंत सोरेन करेंगे. वर्तमान मंत्रियों में दीपक बिरूआ व हफीजुल हसन का नाम लगभाग तय माना जा रहा है. रामदास सोरेन बने रहेंगे या नहीं अभी तय नहीं है, क्योंकि उन्हें चंपाई सोरेन की जगह मंत्री बनाया गया था. कोल्हान से दीपक बिरूआ भी हैं, इसलिए रामदास सोरेन के नाम पर विचार हो सकता है. कोल्हान से अगर दो को जगह मिली तो सोरेन भी बने रहेंगे. वैसे खरसांवा विधायक दशरथ गगराई भी दावेदार हैं. कुर्मी जाति से मंत्री बनीं बेबी देवी चुनाव हार गई हैं, इसलिए उनके स्थान पर मथुरा महतो या सबिता महतो को जगह मिल सकती है. संथाल से स्टीफन मरांडी, हेमलाल मुर्मू व लुईस मरांडी में से किसी को जगह मिल सकती है.
पलामू प्रमंडल से आने वाले मंत्री मिथिलेश ठाकुर व वैद्यनाथ राम दोनों चुनाव हार गए हैं. इसलिए यहां से कोई नया चेहरा मंत्री होगा. भवनाथपुर से झामुमो के टिकट पर जीते अनंत प्रताप देव को मौका मिल सकता है. अनंत प्रताप देव को मिथिलेश ठाकुर का समर्थन मिल सकता है. पलामू के मामले में मिथिलेश ठाकुर की भूमिका महत्वपूर्ण होगी.
कांग्रेस में बेरमो विधायक अनूप सिंह व पोड़ेयाहाट से जीते प्रदीप यादव दो प्रबल दावेदार हैं. आदिवासी चेहरा में डा. रामेश्वर उरांव तो मंत्री हैं. लेकिन यदि उनको बदला गया तो फिर सिमडेगा विधायक भूषण बाड़ा, कोलेबिरा विधायक नमन विक्सन कोंगाड़ी या खिजरी विधायक राजेश कच्छप के नाम पर विचार हो सकता है. वैसे नहीं लगता है कि रामेश्वर उरांव को हटाया जाएगा. महिला कोटे से मंत्री दीपिका पांडेय का नाम लगभग फाइनल है. मंत्री इरफान अंसारी भी अल्पसंख्यक के नाम पर बने रह सकते है. हालांकि पाकुड़ से आलमगीर आलम की पत्नी निसत आलम भी चुनाव जीत गईं है. सबसे अधिक वोटों से इन्होंने जीत दर्ज की है. अगर आलमगीर आलम अपनी पत्नी के नाम पर अड़े तो इन पर भी विचार हो सकता है.
राजद से प्रदेश अध्यक्ष हुसैनाबाद विधायक संजय सिंह यादव, गोड्डा विधायक संजय कुमार यादव व देवघर विधायक सुरेश पासवान दावेदार हैं. प्रदेश अध्यक्ष के नाते संजय सिंह यादव की दावेदारी मजबूत दिख रही है. एससी जाति के नाम पर सुरेश पासवान का नाम पर चल रहा है. राजद कोटे के मंत्री का नाम तेजस्वी यादव तय करेंगे. तेजस्वी किसको पसंद करते हैं यह देखना होगा. पिछली बार की तरह इस बार भी माले के सरकार में शामिल होने की संभावना नहीं है.