Location: Garhwa
गढ़वा: चिनिया मोड़ स्थित काली मंदिर के पास पांच दिवसीय लक्ष्मी नारायण महायज्ञ भक्तिपूर्ण वातावरण में आयोजित हो रहा है। स्वामी दामोदर प्रपन्नाचार्य जी के निर्देशन में वैदिक मंत्रोच्चार और संतों के प्रवचनों ने पूरे क्षेत्र को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया है
यज्ञशाला में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। महिलाएं विशेष रूप से बड़ी संख्या में भाग ले रही हैं। श्रद्धालु यज्ञशाला की परिक्रमा करते हुए संतों के प्रवचन सुन रहे हैं और भक्ति में लीन हो रहे हैं। सुप्रसिद्ध मानस प्रवक्ता डॉ. दीपक त्रिपाठी के संगीतमय प्रवचनों ने श्रद्धालुओं को भक्ति रस में सराबोर कर दिया है। उनके द्वारा रामायण के प्रसंगों और भक्ति गीतों ने आयोजन को और भी भव्य बना दिया है।
शनिवार को प्रवचन में स्वामी दामोदर प्रपन्नाचार्य जी ने गुरु महिमा पर गहन विचार साझा करते हुए कहा कि गुरु के बिना शाश्वत सिद्धि की प्राप्ति असंभव है। उन्होंने तुलसीदास जी का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके दोनों महान ग्रंथ, श्रीरामचरितमानस और हनुमान चालीसा, गुरु शब्द से आरंभ होते हैं, जो गुरु के जीवन में सर्वोपरि स्थान को दर्शाता है।
स्वामी जी ने समझाया कि जैसे बिना तवे के रोटी या तो कच्ची रह जाती है या जल जाती है, वैसे ही गुरु के बिना आत्मा अधूरी रह जाती है। गुरु की कृपा से व्यक्ति का जीवन शुद्ध औरस्थिर होता है, जिससे वह शाश्वत मोक्ष की ओर अग्रसर होता है। उन्होंने कहा कि गुरु की कृपा से मिट्टी का ढेला भी शालिग्राम बनकर पूजनीय हो सकता है।
महायज्ञ के तीसरे दिन श्रद्धालु भक्ति रस में लीन नजर आए। यज्ञशाला और प्रवचन स्थल पर श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा है। आयोजकों का कहना है कि महायज्ञ का समापन भव्य हवन और प्रसाद वितरण के साथ होगा।