Location: Garhwa
आजसू पार्टी के संस्थापक झारखंड आंदोलनकारी अमर शहीद निर्मल महतो के शहादत दिवस पर गढ़ मोहल्ला स्थित अस्थाई जिला कार्यालय में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
सर्वप्रथम पार्टी के जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा एवं उपस्थित सभी नेताओं ने निर्मल महतो के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन श्रद्धांजलि अर्पित किया।
शहीद निर्मल महतो का जन्म 25 दिसंबर 1950 को हुआ था। 36 वर्ष के उम्र में 8 अगस्त 1987 को जमशेदपुर में उनकी निर्मम हत्या कर दी गई।
झारखंड राज्य अलग लेने के लिए क्रांतिकारी आंदोलन की जरूरत थी ऐसे में झारखंड आंदोलन को मुकाम तक पहुंचाने के लिए उन्होंने 22 जून 1986 को छात्र नौजवानों के बीच ऑल असम स्टूडेंट यूनियन की तर्ज पर झारखंड स्टूडेंट यूनियन का गठन किया।
निर्मल महतो ने योजनाबद्ध तरीके से आजसू के कार्यकर्ताओं को असाम, बोडोलैंड और गोरखालैंड के क्रांतिकारियों की तरह गोरिल्ला युद्ध का प्रशिक्षण लेने के लिए 40 सदस्यीय टीम को असाम भेज कर प्रशिक्षण दिलाया था। असाम से लौटे आजसू के छात्र नेताओं ने झारखंड में उग्र आंदोलन की शुरुआत कर दी। आजसू के आंदोलन से भारत सरकार भी सकते में आ गई। बूटा सिंह जब गृह मंत्री थे तो आजसू के 11 सदस्यों से वार्ता के लिए दिल्ली से स्पेशल विमान रांची भेजा गया था। यह पहला और अंतिम ऐसा अवसर था। जिसमें सवार होकर आजसू के 11 सदस्यीय टीम भारत सरकार से वार्ता की जिसमें सहमति पत्र तैयार हुआ। इस सहमति पत्र को आगे बढ़ाते हुए अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में झारखंड राज्य अलग प्राप्त हुआ। शहीद निर्मल महतो के किए गए कार्यों को राज्य की एक-एक जनता अपने दिल में और स्मरण में रखती है। उनके बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता।
इस अवसर पर पार्टी के केंद्रीय सचिव शंकर प्रताप विश्वकर्मा, केंद्रीय सदस्य नंदू ठाकुर, केंद्रीय सदस्य संतोष केसरी, केंद्रीय सदस्य डॉक्टर इश्तियाक राजा, युवा आजसू के प्रदेश संयोजक रविंद्र नाथ ठाकुर, जिला सचिव इंदल बैठा सोशल मीडिया प्रभारी पूजा शर्मा, जिला सदस्य सरवन राम, नगर मंडल प्रवक्ता मोहम्मद इकराम, विजय कुमार, अरविंद उरांव उपस्थित थे।