
श्री बंशीधर नगर-श्री श्री ठाकुर अनुकूलचन्द्र जी के अनुयायियों द्वारा रविवार को सत्संग उपासना केंद्र में सत्संग सह भंडारा का आयोजन किया गया.
सत्संग का शुभारंभ बन्देपुरुषोतम ध्वनि व शंख ध्वनि के बीच दीप प्रज्वलित कर किया गया.इसके बाद सामूहिक रूप से नाम जप,ध्यान,सत्यानु शरण,नारी नीति ग्रंथ,श्रीमद भागवत गीता व रामचरितमानस मानस का पाठ किय्या गया.संगीताजली कार्यक्रम में पूजा देवी,चंचला गुप्ता,वृंदा देवी,अनिता देवी,निर्मला जायसवाल,गीता देवी व लालती देवी ने भक्ति मूलक भजन प्रस्तुत किया.इष्टचर्चा करते हुये ऋत्विक विजयनन्दन सिन्हा ने कहा कि व्यक्ति को व्यवहारिक होना चाहिये.हमे वैसा कर्म करना चाहिये जिससे दूसरे जीव को कष्ट न हो.उन्होंने कहा कि व्यवहारिक ज्ञान हमे सद्गुरु व सत्संग के माध्यम से मिलता है.उन्होंने यजन,याजन और इष्ट भृति करने पर बल दिया.उन्होंने कहा कि इष्ट भृति पंच महायज्ञ है.सत्संगी राहुल दा ने कहा कि वर्तमान पुरुषोत्तम श्री श्री ठाकुर जी हम सबों के गुरु हैं.वे हमसबों के सर्वश्रेष्ठ अभिभावक हैं.उनके बताये मार्ग पर चलने से हम सबका कल्याण होता है.सत्संगी शक्तिदास सिन्हा ने कहा कि मनुष्य को अधिक से अधिक भगवत नाम जप करना चाहिये.ईश्वर का नाम जप करने से मन की शुद्धता बढ़ जाती है.मन मे नकारात्मक विचार नही आते हैं.श्री श्री ठाकुर जी ने दया करके हम सबको सत्संग दिया है जिसका श्रवण व मनन हम सबों को करना चाहिये.ऐसा करने से मन मे भक्ति आती है.उन्होंने कहा कि भक्तिवान पुरुष परमार्थ करता है.सत्संगी अखिलेश दा ने कहा किश्री श्री ठाकुर जी दयामय है,वे सबके दुखों को दूर करते हैं.उनके द्वारा दिया गया सतनाम का जप करने से मृत्यु के समय का कष्ट अनुभव नही होता है.हम सब मानव श्री श्री ठाकुर जी के संतान हैं.यदि हम सब उनके आदेशों का पालन करतें है तो वे स्वतः प्रसन्न होते हैं.सत्संग के बाद भंडारे में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने महाप्रसाद ग्रहण किया.सत्संग सह भंडारा की व्यवस्था याजक राजकुमार के द्वारा किया गया था.सत्संग में देवंती तिवारी,हेमवंती मिश्रा,सुषमा गुप्ता,रीना जायसवाल,रीता देवी,सिमरन,सृष्टि,बिंदिया,प्रतिमा,नीलम देवी,प्रमिला देवी,अशोक प्रसाद,राहुल कुमार,प्रियम,भोला प्रसाद,अजय दा,संजय दा,गोविंद दा सहित बड़ी संख्या में गुरु भाई बहन उपस्थित थे.