
Location: Meral
रमजान में रोजा, जकात और इबादत के महत्व पर डॉ. यासीन अंसारी ने दी जानकारी
गढ़वा: तैयबा क्लिनिक के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. यासीन अंसारी ने पाक माह रमजान के अवसर पर गढ़वा जिलेवासियों को इस विशेष महीने से जुड़ी अहम जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि इस्लाम धर्म में हर मुस्लिम पुरुष और महिला पर रोजा रखना फर्ज है। साथ ही, इस दौरान ईमानदारी और सच्चाई के साथ नमाज अदा करना और कुरान पढ़ना जरूरी बताया गया है।
उन्होंने कहा कि इस्लाम में साहिबे-निसाब (जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं) के लिए अपनी कमाई का ढाई प्रतिशत जकात के रूप में गरीबों में बांटना अनिवार्य किया गया है। वहीं, हर परिवार को अपने प्रत्येक सदस्य के नाम से रवि फसल के गेहूं के हिसाब से 2 किलो 45 ग्राम के मूल्य अनुसार करीब ₹60 प्रति व्यक्ति फित्रा देना जरूरी होता है।
डॉ. अंसारी ने कहा कि रोजे की इफ्तार में ज्यादा से ज्यादा लोगों को शामिल करने की कोशिश करनी चाहिए और गरीबों व जरूरतमंदों का खास ख्याल रखना चाहिए। रोजा रखने से स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं, जैसे पाचन तंत्र ठीक रहता है, वजन नियंत्रित होता है और हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव होता है। साथ ही, शरीर से विषैले तत्व (टॉक्सिन) नष्ट होते हैं और किडनी की सफाई होती है।
उन्होंने आत्मसंयम और अच्छी जीवनशैली अपनाने पर जोर देते हुए बताया कि रमजान की 27वीं रात को ‘लैलतुल कद्र’ के रूप में मनाया जाता है, जिसमें पूरी रात इबादत करने से विशेष फजीलत और बरकत मिलती है।