Location: Garhwa
रक्त खरीद कर लाने के नाम पर लिए गए 7000 रुपये।
गढ़वा : जिले में निजी अस्पतालों की मनमानी पर लगाम लगाने में स्वास्थ्य विभाग विफल साबित हो रहा है। एमबीबीएस चिकित्सक के नाम पर निजी अस्पताल का रजिस्ट्रेशन कराकर अधकचरे जानकारी वाले कथित चिकित्सक मरीजाें का इलाज का गोरखधंधा कर रहे हैं। इससे आएदिन मरीजों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं। खासकर, प्रसव के दौरान जच्चा या बच्चा की मौत के मामले अक्सर ही सामने आते रहते हैं। इस पर कुछ दिन होहल्ला मचता है। लेकिन कुछ दिनों बाद ऐसे मामले ठंडे बस्ते चले जाते हैं और निजी अस्पताल संचालक बेखौफ होकर आर्थिक दोहन एवं मरीजो के जान से खिलवाड़ करते रहते हैं। अब रक्त के नाम पर भी पैसे की उगाही किए जाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।
बुधवार को कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। केेतार थाना क्षेत्र के पालनगर गांव के चंदन सिंह की पत्नी प्रियंका कुमारी को वहां की स्वास्थ्य सहिया के माध्यम से गढ़वा के अमिला हास्पिटल में भर्ती कराया गया। तब नार्मल डिलेवरी के लिए 12 हजार रुपये, मेडिकल चेकअप के लिए तीन हजार रुपये एवं रक्त की कमी होने की बात कहकर रक्त उपलब्ध कराने के नाम पर सात हजार रुपये जमा करने को कहा गया। तब मरीज के स्वजनों ने 17 हजार रुपये जमा कर दिए । लेकिन प्रसव कराने के दौरान ही बच्चा की मौत हो गई। तब अमिला हास्पिटल के संचालक एवं कर्मियों ने प्रसूता को वहां हटाने के लिए नवजात शिशु को ऑक्सीजन लगाकर सदर अस्पताल लेकर पहुंचे। इस दौरान अमिला अस्पताल के एक कर्मी ने नवजात के नाक में ऑक्सीजन पाइप लगाकर उसे सदर अस्पताल में चेकअप के लिए लाया था। सदर अस्पताल के चिकित्सक ने नवजात को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद अमिला हास्पिटल का कर्मी वहां से खिसक गया। प्रसूता के स्वजनों ने बताया कि अपना खेत को गिरवी रखकर प्रसव कराने के लिए निजी अस्पताल में पहुंचे थे। लेकिन उनका पैसा तो गया ही, बच्चा भी नहीं बच सका। मरीज के स्वजनों का कहना था कि अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के अनुसार बच्चा स्वस्थ था। लेकिन अमिला अस्पताल के कर्मियों की लापरवाही के कारण प्रसव के दौरान ही नवजात की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि अमिला हास्पिटल के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर उपायुक्त एवं स्वास्थ्य सचिव को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग करेंगे।
-पक्ष –
इस मामले में जांच टीम भेजकर गहन जांच कराई जाएगी। निजी अस्पताल संचालक दोषी पाया गया तो अवश्य कार्रवाई होगी। खासकर, रक्त के नाम पर मरीजों से ठगी का मामला अत्यंत गंभीर है। इस पर कार्रवाई होगी।
-डा.अशोक कुमार, सिविल सर्जन, गढ़वा।