
Location: Garhwa
गढ़वा जिले में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने और आर्थिक समृद्धि लाने के उद्देश्य से उपायुक्त शेखर जमुआर लगातार प्रयासरत हैं। इसी कड़ी में उन्होंने अन्नराज डैम का निरीक्षण किया और केज कल्चर मत्स्य पालन की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने मत्स्य पालकों से संवाद कर उन्हें इस तकनीक से अधिक से अधिक लाभ उठाने की सलाह दी।
केज कल्चर से मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा
गढ़वा सदर प्रखंड से 12 किमी दूर स्थित अन्नराज डैम में केज कल्चर योजना को अनाबद्ध निधि योजना के तहत स्वीकृति दी गई है। इस योजना का उद्देश्य स्थानीय रोजगार सृजन, आर्थिक विकास, मत्स्य उत्पादन में आत्मनिर्भरता और स्थानीय बाजार में ताजी मछलियों की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। उपायुक्त ने बताया कि केज कल्चर में स्थिर जल स्रोतों में पिंजरे लगाकर मछलियों को बड़ा कर बेचा जाता है, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर बनते हैं और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलता है।
मत्स्य विभाग ने इस योजना को आगे बढ़ाते हुए स्थानीय विस्थापितों को प्रशिक्षण दिया और दो समितियों – भदुआ समूह और ओबरा समूह का गठन किया, जिसमें 50 से अधिक सदस्य जुड़े हैं। मत्स्य पालन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए समूह के सदस्यों को अनुदान पर मोटरसाइकिल, जाल, फीड और अन्य संसाधन भी उपलब्ध कराए गए।
गढ़वा में केज कल्चर का विस्तार
गढ़वा जिले में केज कल्चर योजना तेजी से फैल रही है। चिनिया प्रखंड के चिरका डैम में यह योजना सफलतापूर्वक संचालित हो रही है, जबकि मझिआंव प्रखंड के खजूरी डैम में भी इसे स्वीकृति मिल चुकी है और जल्द ही कार्य शुरू किया जाएगा।
उपायुक्त शेखर जमुआर का लक्ष्य है कि जिले के किसान और उनके परिवार आत्मनिर्भर बनें, बेरोजगारी कम हो और गढ़वा मत्स्य उत्पादन में अग्रणी जिला बने। इस दिशा में जिला प्रशासन लगातार कार्य कर रहा है।