Location: Garhwa
पलामू लोकसभा चुनाव क्षेत्र में भाजपा को मिली प्रचंड जीत के बावजूद आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए के संभावित प्रत्याशियों की पेशानी पर पसीने की लकीर अभी से दिखने लगी है। ऐसे में अभी से पलामू लोकसभा चुनाव क्षेत्र के सभी विधानसभा चुनाव क्षेत्र में एनडीए क्या पिछला प्रदर्शन दोहरा पाएगा ? इसे लेकर कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है।
यदि लोकसभा चुनाव के परिणाम के हिसाब से देखें तो पलामू लोकसभा चुनाव क्षेत्र के डाल्टनगंज ,गढ़वा ,भवनाथपुर ,विश्रामपुर, पाटन छतरपुर तथा हुसैनाबाद इन सभी विधानसभा चुनाव क्षेत्रों में भाजपा के प्रत्याशी बीडी राम को राजद की प्रत्याशी ममता भुइंया के मुकाबले अच्छा खासा लीड मिला था ।क्योंकि डाल्टनगंज में 82 276, गढ़वा में 57662, भवनाथपुर में 5411, विश्रामपुर में 50947, पाटन छतरपुर में 28103 तथा हुसैनाबाद में 19475 मत से भाजपा प्रत्याशी बी डी राम आगे थे। ऐसे में यदि लोकसभा चुनाव की दृष्टिकोण से देखें तो पलामू लोकसभा चुनाव क्षेत्र के सभी छह विधानसभा चुनाव क्षेत्रों से एनडीए की जीत का अनुमान लगाया जा सकता है, किंतु लोकसभा चुनाव के अनुपात में विधानसभा चुनाव की राजनीतिक स्थिति बिल्कुल ही बदल जाता है जिसमें राजनीति समीकरण के पीछे विधानसभा चुनाव क्षेत्र के प्रत्याशियों का चेहरा राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ काफी महत्व रखता है। ऐसे में यदि देखें तो पलामू लोकसभा चुनाव क्षेत्र के सभी छह विधानसभा चुनाव क्षेत्र में परिस्थितियों अलग-अलग हैं। और बदले परिस्थितियों में सभी पर एनडीए की जीत की संभावना नहीं दिख रहा है। वैसे भी पिछले विधानसभा चुनाव के परिणाम को देखें तो हुसैनाबाद से कमलेश कुमार सिंह चुनाव जीते थे जो एनसीपी के सिंबल पर जीते थे, उस वक्त वह एकीकृत एनसीपी में थे जो एनडीए से अलग था।
गढ़वा विधानसभा चुनाव क्षेत्र से भी झामुमो के प्रत्याशी मिथिलेश कुमार ठाकुर अच्छा खासा मतों के अंतर से चुनाव जीत कर झारखंड सरकार में कद्दावर मंत्री के रूप में पहचान बन चुके हैं।
यदि विधानसभा वार वर्तमान स्थिति को देखें तो भवनाथपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र के विधायक भानु प्रताप शाही के सामने झामुमो नेता आनंद प्रताप देव अभी से चुनौती देते दिख रहे हैं । वैसे भी भवनाथपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र की राजनीति में अनंत प्रताप देव एक जाने पहचाने चेहरा है, जो यहां से विधायक भी रह चुके हैं तथा नगरउंटारी गढ़ परिवार के सदस्य होने के नाते उनका क्षेत्र में अच्छा खासा पहचान भी है ।ऐसे में यह तय है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में अनंत प्रताप देव भाजपा के वर्तमान विधायक भानु प्रताप शाही को जोरदार चुनौती दे सकते हैं ।
जहां तक गढ़वा विधानसभा चुनाव क्षेत्र का प्रश्न है गढ़वा विधानसभा चुनाव की राजनीति में अभी से चहलकदमी बढ़ गई है। जहां एक ओर झारखंड सरकार के मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर दोबारा अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए निरंतर सक्रिय दिख रहे हैं, वहीं उनके सामने आनेवाले विधानसभा चुनाव में मजबूत दावेदारी पेश करते हुए परिवर्तन यात्रा के सहारे अभी से पूर्व मंत्री गिरनाथ सिंह सक्रिय दिख रहे हैं ।
वहीं पिछले चुनाव में मात खाए भाजपा के पुर्व विधायक सत्येन्द्र नाथ तिवारी भी हरि हुई बाजी को आने वाले विधानसभा चुनाव क्षेत्र में जीत के साथ पलटने के लिए निरंतर सक्रिय हैं। ऐसे में गढ़वा विधानसभा चुनाव क्षेत्र में आने वाले विधानसभा के चुनाव में सर्वाधिक रोचक मुकाबला हो सकता है। इसका संकेत अभी से मिलने लगा है क्योंकि विगत चुनाव में मिथिलेश कुमार ठाकुर की जीत में प्रमुख भूमिका निभाने वाले पूर्व मंत्री गिरिनाथ सिंह खुद चुनाव लड़ने के इरादे से परिवर्तन यात्रा कर अभी से जनसंपर्क अभियान शुरू कर चुके हैं। जो मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर के लिए चिंता का सबब हो सकता है।
गढ़वा तथा पलामू जिले से जुड़े विश्रामपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र में भाजपा के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी वर्तमान में विधायक हैं बढ़ती उम्र एवं बेटे डॉ ईश्वर सागर चंद्रवंशी को अपनी राजनीतिक वारिस बनाकर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में पिछले काफी वर्षों से जुटे हुए हैं। विश्रामपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र में रामचंद्र चंद्रवंशी की अच्छा खासा पहचान है ।इनके चिर प्रतिद्वंदी चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे की राजनीति अब लगभग समाप्ति की ओर है ।लिहाजा विश्रामपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र में राजद से चुनाव लड़ने की मंशा पाले नरेश सिंह के साथ-साथ भाजपा से चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे डॉक्टर ईश्वर सागर चंद्रवंशी एवं बसपा के सिंबल पर विगत चुनाव में अच्छा खासा मत लाने वाले राजन मेहता के बीच मुकाबला होने की संभावना है।
पलामू जिले के डाल्टनगंज विधानसभा चुनाव क्षेत्र में राजनीतिक स्थिति कुछ अलग ही है। वहां पर आलोक चौरसिया भाजपा के विधायक हैं जो हैट्रिक लगाने की तैयारी में है। वहीं भाजपा से टिकट झटकने के लिए कई प्रत्याशी अभी से हाथ पांव मार रहे हैं। वैसे में भाजपा के लिए सबसे सुरक्षित समझे जाने वाली पलामू लोकसभा चुनाव क्षेत्र से जुड़े डाल्टनगंज विधानसभा चुनाव क्षेत्र की राजनीति किस करवट इस बार लेगा, इसके लिए अभी इंतजार करना होगा। रही बात पाटन छतरपुर का तो पाटन छतरपुर में भी भाजपा का भले ही अभी उषा देवी विधायक है। परंतु पाटन छतरपुर में भाजपा की राजनीति में इस बार कई रोड़े हैं ,जिसमें राधा कृष्ण किशोर, प्रभात भुइयां तथा घुरन राम सभी की निगाह अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित इस विधानसभा चुनाव क्षेत्र पर टिकी हुई है। लिहाजा पाटन छतरपुर में आने वाले विधानसभा चुनाव क्षेत्र में कौन प्रत्याशी किस दल से चुनाव मैदान में उतरकर भाजपा की विधायक उषा देवी को चुनौती देगा, कहीं ऐसा नहीं की दोबारा प्रत्याशी बनने की लड़ाई में ही उषा देवी पीछे ना हो जाए इसे लेकर भी चर्चा है।
रही बात हुसैनाबाद विधानसभा चुनाव क्षेत्र का तो वहां पर एनसीपी के विधायक कमलेश सिंह फिलहाल एनडीए गठबंधन के साथ हैं। हुसैनाबाद विधानसभा चुनाव क्षेत्र में कमलेश सिंह की राजनीति के लिए बहुत बेहतर स्थिति नहीं कहीं जा सकती है क्योंकि वहां पर सबसे कम 19475 वोट की लीड लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी बी डी राम को मिली थी। ऐसे में यदि कमलेश सिंह एनडीए के प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में सामने रहे तो उनके सामने राजद के संजय सिंह यादव जैसे नेताओं से भारी चुनौती मिल सकती है।