
छात्रों व शिक्षकों ने मौन व्रत रख किया महान वैज्ञानिक को नमन
गढ़वा: इसरो के पूर्व अध्यक्ष, अंतरिक्ष वैज्ञानिक व शिक्षा नीति के प्रणेता डॉ. के. कस्तूरीरंगन के निधन पर जीएन कॉन्वेंट स्कूल परिवार ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर विद्यालय परिसर में एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई, जिसकी शुरुआत निदेशक सह शिक्षाविद मदन केशरी व उपप्राचार्य बसंत ठाकुर ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए निदेशक मदन केशरी ने कहा कि डॉ. कस्तूरीरंगन एक दूरदर्शी वैज्ञानिक थे, जिन्होंने भारत को अंतरिक्ष विज्ञान की ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनके नेतृत्व में भारत ने मंगलयान जैसे ऐतिहासिक मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, जिससे भारत मंगल ग्रह तक पहुंचने वाला पहला एशियाई देश बना।
उन्होंने बताया कि वे भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली के विकास में भी अग्रणी रहे और देश की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में भी उनकी भूमिका अतुलनीय रही। वे नई शिक्षा नीति (NEP) के प्रमुख शिल्पकार थे, जिसने भारतीय शिक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव की नींव रखी।
डॉ. कस्तूरीरंगन को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण सहित कई सम्मान प्राप्त हुए। उनके विचार, समर्पण और उपलब्धियां आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेंगी।
कार्यक्रम में शिक्षकों खुर्शीद आलम, कृष्ण कुमार, वीरेंद्र शाह, विकास कुमार, नीरा शर्मा, नीलम कुमारी, सरिता दुबे, सुनीता कुमारी, शिवानी कुमारी, रागिनी कुमारी, ऋषभ श्रीवास्तव व संतोष प्रसाद की भूमिका सराहनीय रही।
