
Location: चिनियां
चिनिया। प्रखंड मुख्यालय के सभागार भवन मे जन साहस संस्था एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार गढ़वा के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर एक दिवसीय जागरूकता शिविर सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रवासी मजदूरों को उनके अधिकारों की जानकारी देना, सुरक्षित पलायन को प्रोत्साहित करना, बाल मजदूरी और मानव तस्करी की रोकथाम पर संवाद स्थापित कर पंचायत और प्रशासन के समन्वय को मजबूत बनाना है।
कार्यक्रम में विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधियों, प्रवासी मजदूरों, प्रखंड एवं अंचल कर्मियों, स्थानीय पुलिस, विधिक सेवा प्राधिकरण, जन साहस की टीम सहित लगभग 86 प्रतिभागियों की सहभागिता रही।
कार्यक्रम की शुरुआत जन साहस के जिला समन्वयक जहूर अंसारी द्वारा की गई, जिन्होंने मजदूर दिवस का ऐतिहासिक महत्व, जन साहस संस्था के उद्देश्यों और माइग्रेशन रिसोर्स सेंटर की भूमिका को विस्तार से बताया। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे अपने पंचायतों में प्रवासी मजदूरों के पंजीयन को प्राथमिकता दें ताकि उन्हें श्रम विभाग की योजनाओं का लाभ मिल सके।
इसके पश्चात प्रखंड विकास पदाधिकारी सुबोध कुमार सिंह ने मजदूरों की श्रेणियां, अकुशल, अर्ध कुशल, कुशल व अति कुशल के संदर्भ में अधिकार, भुगतान प्रक्रिया और न्यूनतम मजदूरी दर की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों की पहचान और उनका सशक्तिकरण प्रशासन की प्राथमिकता में है। उन्होंने जन साहस संस्था को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया और कहा कि चिनिया प्रखंड को बाल मजदूर मुक्त क्षेत्र बनाने की दिशा में प्रशासन ठोस कदम उठाएगा।
थाना प्रभारी अमित कुमार ने कानूनी सहायता, बाल मजदूरी की पहचान और मानव तस्करी जैसे मामलों में त्वरित कार्रवाई की बात कही। उन्होंने प्रवासी मजदूरों से अपील की कि वे किसी भी प्रकार की असुरक्षा की स्थिति में पुलिस से संपर्क करने में संकोच न करें।
पीएलभी गोपाल चौबे एवं डी एल एस ए सदस्यों ने निःशुल्क विधिक सहायता सेवाओं की जानकारी दी और मजदूरों को कानूनी रूप से सशक्त बनने की अपील की। बाल श्रम के विरुद्ध विशेष अभियान की योजना साझा की गई, जिसके अंतर्गत पंचायतों में जागरूकता कार्यक्रम, बाल श्रमिकों की पहचान व पुनर्वास की कार्यवाही सुनिश्चित करने की बात कही गई।प्रमुख सुनैना देवी ने प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को गम्भीरता से समझते हुए जन साहस संस्था को हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन दिया और पंचायत प्रतिनिधियों से मिलकर श्रमिकों के अधिकारों को सुरक्षित रखने की बात कही।
इस अवसर पर जन साहस के एफ ओ संतोष पासवान ने श्रमिक वर्गों की परिभाषा और मजदूरी दर की विस्तृत जानकारी दी, वहीं एफ ओ अनिल कुमार ने प्रवासी मजदूरों के लिए झारखंड सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री श्रमिक योजना, सावित्री बाई फुले अंतर्जनपदीय महिला श्रमिक योजना जैसे कार्यक्रमों की जानकारी साझा की।आर सी एफ काजल रानी ने बाल श्रम मुक्त पंचायत बनाने हेतु जन सहभागिता और रणनीति पर चर्चा की, जिसमें ग्राम सभा, शिक्षक, पंचायत व सामाजिक संगठनों की भागीदारी महत्वपूर्ण बताई गई।
कार्यशाला के दौरान उपस्थित प्रवासी मजदूर विनय यादव, फूलपति कुंवर, कलावती देवी, बिपत सिंह, रामजी साव, मनोज कोरवा, बीफन परहिया आदि ने अपनी जमीनी समस्याएं सामने रखीं, जिनमें न्यूनतम मजदूरी न मिलना, कार्यस्थल पर सुरक्षा की कमी, और पहचान पत्र की अनुपलब्धता प्रमुख रही। इस दौरान मजदूर हेल्पलाइन की जानकारी भी दी गई, जिससे संकट की स्थिति में त्वरित सहायता संभव हो सके। उपप्रमुख मोहम्मद फारूक ने कार्यक्रम में शामिल सभी प्रतिभागियों, अधिकारियों, प्रतिनिधियों और जन साहस टीम का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन न सिर्फ मजदूरों को उनके अधिकारों से जोड़ते हैं, बल्कि पंचायत, प्रशासन और समाज के बीच सहयोग का सेतु भी बनाते हैं।