Location: Garhwa
गढ़वा: स्थानीय सूरत पाण्डेय डिग्री काॅलेज में एनएसएस के तत्वावधान में बुधवार को देशरत्न डा. राजेन्द्र प्रसाद का जन्मदिन मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर तथा डा. राजेन्द्र प्रसाद के चित्र पर पुष्पांजली अर्पित कर की गयी।
इस मौके पर प्राचार्य प्रो. निकलेश चौबे ने कहा कि डा. राजेन्द्र प्रसाद की स्वतंत्रता आंदोलन में प्रमुख भूमिका थी। उन्होने अपने राजनीतिक जीवन में सरलता एवं ईमानदारी की मिशाल पेश की। राष्ट्रपति पद से अवकाश लेने के बाद उन्होंने अपना जीवन पटना स्थित सदाकत आश्रम में बिताया जो उनकी नैतिकता और निस्वार्थ चरित्र को दर्शाता है। मौके पर प्रो. विवेकानंद उपाध्याय ने कहा कि देश के प्रथम राष्ट्रपति भारतरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद देश की राजनीतिक इतिहास की सबसे ऊँची और सम्मानित हस्तियों में न केवल शामिल थे बल्कि स्वतंत्रता आंदोलन के महान योद्धा थे। साथ ही वे भारत के संविधान निर्माता, एक प्रतिष्ठित वकील, विद्वान, शिक्षक और राष्ट्रनिर्माण के महत्वपूर्ण स्तंभ भी थे। प्रो. परवेज आलम ने कहा कि डा. राजेन्द्र प्रसाद का पूरा जीवन सादगी, समर्पण, ईमानदारी और राष्ट्रहित के आदर्शों से भरा हुआ था। प्रो. भरत उपाध्याय ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारतीय संविधान सभा के अध्यक्ष चुने गए जिसे एक जिम्मेदारी, निष्पक्षता, धैर्य और नेतृत्व क्षमता के साथ निभाया। प्रो. अर्जुन प्रसाद ने कहा कि संविधान के निर्माण के दौरान उन्होंने विभिन्न समितियों के बीच तालमेल बनाया और देश को एक मजबूत लोकतांत्रिक ढांचा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. उमेश सहाय ने कहा कि डा. राजेन्द्र प्रसाद बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वह अपने जमाने के गोल्ड मेडलिस्ट बैरिस्टर थे। कार्यक्रम का संचालन प्रो. कमलेश सिन्हा ने किया। इस मौके पर डा. अरविन्द गुप्ता, डा. संजीव मिश्रा, प्रो. आशिष पाण्डेय, पंकज पाण्डेय, प्रिन्स तिवारी समेंत छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
![]()











