Location: Ranka
रंका; राज्य सरकार की गैर जिम्मेदाराना रवैए या यूं कह लें कि मूक समर्थन के वजह से सत्ता के खनक के भरोसे अबैध बालू कारोबारियों द्वारा व्यापक पैमाने पर कनहर नदी से सैकड़ों टन प्रतिदिन अबैध बालू का उत्खनन कर जहां एक और सरकार को प्रति माह लाखों रूपए राजसव का चूना लगाया जा रहा है , वही इस कारोबार से जुड़े लगों की तो चांदी कट रही है। मगर बिरसा आवास एवं कुआं निर्माण जैसे सरकारी योजनाओं के लाभुकों को गाय बकरी बेचकर निर्माण कार्य करना पड़ रहा है।
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क्योंकि कुछ दिन पूर्व तक जहां दो हजार रुपए में एक सौ सीएफटी बालू उपलब्ध होता था वहां आज छः हजार रुपए या उससे अधिक रूपए प्रति ट्रैक्टर बालू लेना आवास योजना के लाभुकों की मजबूरी हो गया है। वर्तमान में रंका प्रखंड के सभी चौदह पंचायतों में ग्यारह सौ से अधिक बिरसा आवास योजना के लाभुकों के अलावा तकरीबन चार सौ पचास बिरसा सिंचाई कूप व अन्य कई पक्की योजनाएं संचालित हैं जो बिना बालू के नहीं बन सकती तकनीकी विशेषज्ञ और अभियंताओं के द्वारा उन योजनाओं के प्राक्कलन में जो दर दर्शाया गया है बाजार मुल्य से काफी कम हुआ करता है उपर से योजनाओं को जल्द पूरा करने का दबाव बनाया जाता है सो अलग ऐसे में लाभुक अपने सर पर छत पाने के तथा सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने की मजबूरी में समूह से कर्ज लेकर या पेट काट कर तथा घर में रखे बैल बकरी या अन्यान्य सामान बेच कर मिले पैसे से भी आवास पूरा नहीं कर पा रहे हैं।
जमीन से जुड़े सभी लोगों को एवं संबंधित अधिकारियों को भी इसकी जानकारी है मगर कोई कुछ भी खुल कर बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं ऐसे में लाभुक अपना सब कुछ खो कर भी लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पा रहा है।