Location: Ranka
गढ़वा जिला मुख्यालय से अंतर्राज्यीय सीमा गोदरमाना तक देश के सबसे छोटे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 343पर आधा दर्जन से अधिक बने हाईलेबल पुल पर एवं पुल के समीप बन चुके खतरनाक गड्ढे हमेशा किसी बड़ी दुर्घटना को आमंत्रित करते देखे जा रहे हैं बावजूद इसके राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एवं उसके अधिकारियों का मुक दर्शी बना रहना समझ से परे प्रतीत हो रहा है।
प्रतिदिन औसतन दो चार दोपहिया वाहन चालक व उस पर सवार लोगो के अलावा साईकल चालक दुर्घटनाग्रस्त होकर जख्मी होते रहते हैं जिनका ईलाज रंका सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा गढ़वा सदर अस्पताल के अलावा छत्तीसगढ़ के शासकीय अस्पताल मे होता रहता है पुल के किनारे पर बने बड़े गड्ढे मे दो पहिया चार पहिया वाहनों के अलावा भारी मालवाही ट्रक तथा सवारी गाड़ियो के पुर्जे एकाएक गड्ढे मे चले जाने से लगातार टूटते रहते है जिससे कई बार जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है दुर्भाग्य तो यह है कि इस जगहों पर सड़क खराब होने का संकेतक नही होने से दूसरे प्रदेशों से आने वाले चालक बाकी जगहों पर अच्छी सड़क होने से तेज गति मे चल रहे होते हैं वे एकाएक सड़क में मोड़ होने तथा सड़क में हो चुके बड़े व खतरनाक गड्ढे को देख समझ नहीं पाते और अपने वाहन को संभालने के क्रम में अनियंत्रित होकर दुर्घटनाओं का शिकार होते रहते है मालूम हो कि इस अति महत्वपूर्ण सड़क से होकर दक्षिण भारत के चेन्नई, केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, व तेलंगाना तथा छत्तीसगढ़ के अलावा उत्तर प्रदेश, में बिहार, बंगाल,आसाम, नागालैंड, हिमाचल तथा हरियाणा समेत कई अन्य राज्यों से हजारों की संख्या मे छोटे बड़े निजी व यात्री वाहनों के अलावा भारी संख्या में मालवाही गाड़ियो का चौबीस घंटे आना जाना होता रहता है बावजूद इसके राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इस सड़क के रख रखाव के प्रति संवेदनशील नहीं दिख रहा है जिसका खामियाजा इस सड़क से होकर चलने वाले लोगों को भुगतना पड़ रहा है।-रंका गोदरमाना राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 343 पर बुढ़ापरास टेंढ़ीनाला ,दलिया नाला , भौंरी गांव में लाईन होटल के समीप खरसो नाला ,हुरदाग नाला,लोहवापुल नाला अन्नबोरवा नाला ,अन्नराज नावाडीह नाला पर बने हाईलेबल पुल पर बन चुके खतरनाक गड्ढे किसी बड़ी दुर्घटना को लगातार आमंत्रित कर रहे है जहां प्रतिदिन औसतन दो से चार दोपहिया वाहन चालक व उस पर सवार लोगो के अलावा साईकल चालक तथा चार पहिया वाहनों के अलावा भारी मालवाही गाड़ियां दुर्घटनाग्रस्त एवं जख्मी होकर अपने नसीब को कोसते नजर आते रहते हैं जिनका ईलाज रंका सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अलावा गढ़वा सदर अस्पताल एवं छत्तीसगढ़ के शासकीय अस्पताल मे होता रहता है वित्तिय दृष्टिकोण से देखा जाए तो पुल के किनारे पर बने गड्ढे मे बड़ी व भारी मालवाही ट्रक तथा सवारी गाड़ियो के एकाएक गड्ढे मे चले जाने से पूर्जे टूट जाया करते है जिससे वाहन मालिकों की आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ता है वहीं राष्ट्रीय संपत्ति का नुक़सान होता है के अलावा कई बार जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है दुर्भाग्य तो यह है कि इन जगहों पर सड़क खराब होने का संकेतक नही होने से तेज गति मे चलने वाले वाहन चालक समझ नही पाते फलतः दुर्घटना ग्रस्त हो जाया करते हैं बावजूद इसके राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इस सड़क के रख रखाव के प्रति संवेदनशील नहीं दिख रहा है जिसका खामियाजा इस सड़क से होकर गुजरने वाले लोगों को भुगतना पड़ रहा है।