Location: Ramana
नववर्ष के आगमन के साथ रमना प्रखंड मुख्यालय और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन स्थलों और वनभोज का सिलसिला शुरू हो गया है। शुक्रवार को प्रखंड के जिरुआ जलाशय में प्रखंड प्रमुख करूणा सोनी और समाजसेवी अजीत सोनी द्वारा वनभोज सह मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इस आयोजन में सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों, और प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया।
पर्यटन स्थलों का आकर्षण
जिरुआ जलाशय में विदेशी पक्षियों का कलरव और उनकी पानी में अठखेलियां वहां उपस्थित लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रहीं। रमना प्रखंड में कई रमणीय स्थल हैं, जिनमें जिरुआ जलाशय का नजारा खास तौर पर मंत्रमुग्ध कर देता है।
पर्यटन क्षेत्र घोषित, लेकिन विकास अधूरा
2023 के अंतिम महीने में गढ़वा जिले के कई स्थानों को पर्यटन क्षेत्र के रूप में घोषित किया गया था। इनमें रमना का जिरुआ जलाशय और चांदराज पहाड़ी को ‘डी’ श्रेणी का पर्यटन स्थल घोषित किया गया। हालांकि, एक वर्ष बीत जाने के बावजूद यह योजना फाइलों में ही दबी पड़ी है, और जमीनी स्तर पर कोई खास प्रगति नहीं हुई है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएं
वनभोज में पहुंचे लोगों ने कहा कि जलाशय को सामूहिक प्रयास से विकसित किया जाना चाहिए। इससे क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक प्रगति संभव हो सकेगी। कुछ लोगों ने रमणीय स्थलों के विकास को रोजगार सृजन और आर्थिक समृद्धि का माध्यम बताया।
सामूहिक प्रयास की आवश्यकता
स्थानीय लोगों का मानना है कि सरकार की ओर से घोषित योजनाओं को अमल में लाने और क्षेत्र को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी है। इससे न केवल क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि स्थानीय लोगों की आजीविका में भी सुधार होगा।
निष्कर्ष
रमना प्रखंड में पर्यटन स्थलों के विकास की अपार संभावनाएं हैं। अगर प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर प्रयास करें, तो यह क्षेत्र न केवल पर्यटन के नक्शे पर अपनी पहचान बना सकता है, बल्कि क्षेत्र के विकास का एक उदाहरण भी बन सकता है।