
Location: Bhavnathpur
भवनाथपुर (गढ़वा), एक ओर जहां देशभर में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर श्रमिकों के अधिकार और सम्मान की बातें हो रही थीं, वहीं भवनाथपुर टाउनशिप स्थित आईएमडी सेल में हुई एक दर्दनाक घटना ने सिस्टम की संवेदनहीनता को उजागर कर दिया। बिहार के समस्तीपुर निवासी धीरज कुमार साहनी (22 वर्ष), पिता रामप्रवेश साहनी की काम के दौरान ऊंचाई से गिरकर मौत हो गई।
धीरज आईएमडी सेल द्वारा नीलाम किए गए कर्सर प्लांट की कटिंग में कार्यरत थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कार्य के समय न तो उनके पास सेफ्टी बेल्ट थी और न ही हेलमेट। सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे, जिसके कारण वह नीचे गिर पड़े और मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि एक मई जैसे सार्वजनिक अवकाश के दिन मजदूरों से कार्य किसकी अनुमति से कराया जा रहा था? क्या मजदूर दिवस केवल भाषणों और नारों तक सीमित रह गया है?
मृतक के भाई महावीर कुमार साहनी ने भवनाथपुर थाना में संबंधित संवेदक के खिलाफ लिखित शिकायत दी है। जानकारी के अनुसार, संवेदक ने मृतक के परिजनों को चार लाख रुपये मुआवजा और चालीस हजार रुपये दाह-संस्कार के लिए दिए, ताकि मामला रफा-दफा किया जा सके। लेकिन यह राशि न तो उस नौजवान की जान लौटा सकती है, न ही सिस्टम की लापरवाही को छिपा सकती है।
स्थानीय मजदूरों और एटक यूनियन के गणेश सिंह ने बताया कि साइट पर सुरक्षा के अभाव को लेकर पहले भी कई शिकायतें की गई थीं, लेकिन सेल प्रबंधन और प्रशासन ने कभी गंभीरता नहीं दिखाई। उन्होंने 25 लाख रुपये मुआवजा और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
घटना की जानकारी मिलने पर श्री बंशीधर नगर एसडीओ प्रभाकर मिर्धा और सीओ भवनाथपुर शंभु राम ने सेल के प्रशासनिक भवन पहुंचकर डीजीएम एस. यू. मेधा से मुलाकात की और घटना स्थल का निरीक्षण किया। इसके बाद डीजीएम को निर्देश दिया गया कि संवेदक के द्वारा संचालित कटिंग कार्य को अगले आदेश तक बंद किया जाए।
जब इस संबंध में सेल के अधिकारी बुलू दिगल से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वह अवकाश पर हैं और उन्हें घटना की जानकारी नहीं है।
यह हादसा महज एक दुर्घटना नहीं, बल्कि मजदूरों की सुरक्षा के प्रति हमारी व्यवस्था की उदासीनता का प्रतीक है। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस घटना को कितनी गंभीरता से लेता है या फिर यह भी अन्य हादसों की तरह भुला दिया जाएगा।