Location: Bhavnathpur
गढ़वा के भवनाथपुर में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के खिलाफ मजदूरों का धरना अब उग्र रूप लेने लगा है।
पृष्ठभूमि:
1970 के दशक में बोकारो स्टील माइनिंग ने भवनाथपुर में भारी मात्रा में डोलोमाइट और लाइमस्टोन का सर्वेक्षण किया। इसके बाद तत्कालीन सोवियत रूस और सेल के संयुक्त प्रयास से यहां एशिया का सबसे बड़ा क्रशर प्लांट स्थापित किया गया। माइनिंग कार्य भी शुरू हुआ, लेकिन 1992 में क्वालिटी खराबी के कारण क्रशर प्लांट को सेल ने बंद कर दिया।
हाल ही में, सेल ने इस बंद पड़े क्रशर प्लांट को नीलाम कर दिया, जिससे प्लांट और माइनिंग में काम करने वाले मजदूरों में आक्रोश फैल गया। इसके विरोध में मजदूरों ने विस्थापित संघर्ष समिति बनाकर एक महीने से धरना जारी रखा है।
धरना स्थल:
प्रखंड भवनाथपुर कार्यालय के पास आज मजदूरों ने जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने प्लांट और माइनिंग कार्य को दोबारा शुरू करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि प्लांट बंद होने से क्षेत्र में बेरोजगारी बढ़ गई है, और नीलामी से उनकी आजीविका पर खतरा मंडरा रहा है।
राजनीतिक हस्तक्षेप:
स्थानीय विधायक अनंत प्रताप देव ने इस मामले को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक पहुंचाते हुए प्लांट और माइनिंग कार्य को फिर से चालू कराने की मांग की है। हालांकि, अब तक सेल की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
स्थिति:
मजदूरों का कहना है कि यदि उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। प्रखंड कार्यालय के पास जुटी भारी भीड़ ने प्रशासन का ध्यान खींचा है।
यह मामला अब राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा बन चुका है, जिससे क्षेत्र के विकास और रोजगार पर बड़ा असर पड़ सकता है।