
Location: Meral
मेराल। भाद्र मास शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मंगलवार को शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों तक सुहागिन महिलाओं ने तीज व्रत श्रद्धा और भक्ति के साथ किया। अखंड सौभाग्य, पति के दीर्घायु और सुखी दांपत्य जीवन की कामना को लेकर महिलाओं ने 24 घंटे का निर्जला उपवास रखकर भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की।
सुबह से ही महिलाएं नए वस्त्रों और श्रृंगार से सुसज्जित होकर शिवालयों, सार्वजनिक स्थलों और घरों में ब्राह्मणों को बुलाकर पूरे विधि-विधान से पूजा में जुटीं। पूजा के दौरान दान-दक्षिणा भी दी गई।
नवविवाहित महिलाओं से लेकर बुजुर्ग सुहागिनों तक ने उत्साह से इस पर्व में भाग लिया। पारंपरिक परिधान, सोलह श्रृंगार, हाथ-पांव में मेहंदी और तीज के विशेष प्रसाद पेड़किया ने पूरे माहौल को आस्थामय बना दिया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि एक दशक पहले तक यह पर्व शहरी इलाकों और कुछेक ग्रामीण घरों तक ही सीमित था, लेकिन सोशल मीडिया और जागरूकता के बढ़ते प्रभाव से अब शहर, गांव, गरीब और अमीर हर घर में महिलाएं पूरे समर्पण भाव से तीज व्रत करने लगी हैं।
त्योहार से पूर्व दो दिनों तक बाजारों में कपड़े और श्रृंगार सामग्री की जमकर खरीदारी हुई। मंगलवार को भगवान शंकर-पार्वती को प्रसाद अर्पित कर महिलाओं ने ब्राह्मणों को दान दिया और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना की।