
Location: Manjhiaon
मझिआंव (प्रतिनिधि): थाना क्षेत्र में दो अलग-अलग शादियों के दौरान डीजे बजाने और डांस को लेकर हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। दो घटनाओं में कुल मिलाकर आधा दर्जन लोग घायल हो गए, जिनमें एक महिला की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। दोनों मामलों में संबंधित थानों में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पहली घटना शनिवार की रात बिशुनपुरा में हुई, जहां आमर पश्चिम टोला गांव निवासी सत्येंद्र पासवान के पुत्र बलवंत पासवान की बारात गई थी। इस दौरान डीजे पर डांस करने को लेकर भुसुआ गांव से आए बारातियों और गाड़ी चालक सैफ अली खान के बीच विवाद हुआ, जो बाद में मारपीट में तब्दील हो गया।
घटना के बाद रविवार सुबह करीब 8 बजे भुसुआ गांव के इबरार खान, सैफ अली खान और मुस्तकीम खान लाठी-डंडों से लैस होकर आमर गांव पहुंचे और घर में घुसकर मारपीट करने लगे। आरोप है कि उन्होंने सुधीर कुमार विश्वकर्मा, उनकी मां सुशीला देवी और पिता अवध विश्वकर्मा की बेरहमी से पिटाई की। हमले में सुधीर का सिर फट गया, जबकि उनकी मां सुशीला देवी बेहोश होकर गिर पड़ीं। हमलावर उन्हें मृत समझकर भाग निकले और धमकी दी कि “अभी तो एक को मारे हैं, बाकी को भी चुन-चुन कर मारेंगे।”
तीनों घायलों को रेफरल अस्पताल लाया गया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद गंभीर रूप से घायल सुशीला देवी को गढ़वा रेफर कर दिया गया। इस संबंध में सुधीर कुमार विश्वकर्मा के आवेदन पर मझिआंव थाना में केस संख्या 63/25 के तहत चार नामजद और 8–10 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। केस अनुसंधानकर्ता एसआई संजय मुंडा ने इसकी पुष्टि की है।
वहीं, दूसरी घटना भी शनिवार रात की है। खजुरी के टोला लकड़ी गांव निवासी जैप जवान की पुत्री की बारात आई थी। डीजे की तेज आवाज और डांस को लेकर बारातियों में आपसी झगड़ा हो गया, जो बाद में मारपीट में बदल गया। जब लड़की के भाई और रिश्तेदारों ने बीच-बचाव की कोशिश की, तो उन्हें भी पीटा गया। घटना में कई लोग घायल हुए, किसी का हाथ टूटा तो किसी का सिर फट गया। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।
हालात बिगड़ने के बाद रविवार को दोनों पक्षों के बीच काफी मान-मनौव्वल के बाद दोपहर तक विवाह संपन्न हो सका। शादी के वक्त मात्र 8–10 बराती और दूल्हा ही मौके पर मौजूद थे, बाकी सभी फरार हो चुके थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार अधिकांश बाराती शराब के नशे में थे।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हाईकोर्ट द्वारा डीजे पर लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद पुलिस प्रशासन की ओर से इसे रोकने में लापरवाही बरती जा रही है, जिससे इस तरह की हिंसक घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। यह एक गंभीर और सोचनीय विषय बन गया है।