
Location: पलामू
मेदिनीनगर। महाशिवरात्रि के मौके पर शहर के विभिन्न जगहों पर शिव बारात में बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल हुआ। समिति के अध्यक्ष पगड़ीपोशी अंगवस्त्र पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किए। शिव बारातियों, शिव भक्तों,दर्शकों को संबोधित करते हमने कहा शिवपुराण के अनुसार महाशिवरात्रि निराकार से आकार रूप में भगवान शिव को प्रकट होने का दिन हैं। महाशिवरात्रि का दूसरा महत्व यह है कि भगवान शंकर सती के निधन के बाद वैराग्य को त्याग कर पार्वती से शादी कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किए और संसार के सामने आदर्श विवाह के मिशाल पेश किए। हम सभी शिव कि शादी में शिरकत तो करते हैं लेकिन एक कठोर सत्य यह है कि उनसे प्रेरणा नहीं लेते हैं बल्कि परंपरा को ढोते हैं। वर्तमान दौर में महिला हिंसा कि जितनी तादाद बढ़ी है,दहेज के कारण बेटियों को गर्भ में ही मारने का मानो ट्रेंड चल गया,भ्रूण हत्याएं हो रही है।इन सबों को भगवान शिव से सिख लेना चाहिए कि पिता पार्वती को यथोचित स्थान नहीं दिया तो महिला सम्मान में शिव तांडव कर दिए। लेकिन आज के संदर्भ में देखें तो पता चलता है जो लड़की जिस लड़का से मोहब्बत किया शादी के लिए इंतजार किया वह लड़का दैहिक शोषण कर शादी से इनकार कर गया। पर शिव ऐसा नहीं किए लंबी तपस्या के बाद शिव पार्वती से शादी किए। आज के वी आई पी कल्चर नहीं बल्कि आज के दलित शोषित पीड़ित कल के भूत पिचाश उनके बाराती थे। लोक कल्याण के लिए हालाहल को हलख में सुखा दिए,लेकिन आज का हाल क्या है? निजी संपति अर्जन के लिए किसी को भी जहर दे दो। इसलिए महाशिवरात्रि कई एक मामले में सबक लेकर आता है। हम सबों को शिव के मार्ग को अनुशरण करना चाहिए। सबों को गले लगाना चाहिए। हर हर महादेव हर समस्या के समाधान हैं। शिव सा समन्वय बना कर समाज कल्याण में अपनी ऊर्जा खपत करना चाहिए ताकि प्रेम भाईचारा बना रहे।