Location: Garhwa
गढ़वा
जिला मुख्यालय गढ़वा से जुड़े गढ़वा विधानसभा चुनाव क्षेत्र में 2024 के चुनाव को लेकर बढी राजनीतिक चहलकदमी के बीच झारखंड के पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर पूर्व विधायक व भाजपा नेता सत्येंद्र नाथ तिवारी तथा पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर के साथ-साथ दो और राजनीतिक पार्टी से जुड़े लोग चुनाव मैदान में काफी सक्रिय दिख रहे हैं,जिसमें एआईएमआईएम के डा एम एन खान तथा बसपा का अजय कुमार अजय का नाम शामिल है.
एआइएमआइएम की ओर से जहां तक दंत चिकित्सक डॉक्टर खान की सक्रियता का सवाल है.2019 के चुनाव में भी गढ़वा विधानसभा चुनाव क्षेत्र से किस्मत अजमा चुके हैं,यह बात दिगर है कि 2019 के विधानसभा चुनाव में डॉक्टर खान महज 6231 वोट लाकर चौथे पायदान पर लटक गए थे.
जहां तक बात रही दूसरे प्रत्याशी अजय कुमार का तो अजय गढ्वा विधानसभा चुनाव क्षेत्र के लिए नए चेहरे हैं. पर वे जिस राजनीतिक पार्टी बसपा से चुनाव लड़ने को लेकर सक्रिय दिख रहे है, उसकी राजनीतिक जमीन गढ़वा में है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता. क्योंकि 2019 के चुनाव में 10638 मत लाकर बसपा से चुनाव लड़े वीरेंद्र प्रसाद तीसरे नंबर पर थे.तात्पर्य यह कि बहुजन समाज पार्टी की गढ़वा विधानसभा चुनाव क्षेत्र में राजनीति पहचान है हालांकि बहुजन समाज पार्टी में अब तक सर्वाधिक मत 2005 के चुनाव में 18225 मत लाकर डॉ अनिल कुमार साह सब को चौंका दिया था, पर उसके बाद डॉक्टर अनिल साव दोबारा चुनाव नहीं लड़े. दरअसल बसपा का चुनाव चिन्ह हाथी छाप का इस विधानसभा चुनाव क्षेत्र में एक खाश जाती का बहन मायावती से सीधा कनेक्शन के कारण खाशा पहचान रही है. वैसे भी इसे नहीं भूलना चाहिए किसी पलामू के हुसैनाबाद विधानसभा चुनाव क्षेत्र से शिवपूजन मेहता 2014 का चुनाव जीतकर झारखंड विधानसभा चुनाव क्षेत्र में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
रही बात गढ़वा विधानसभा चुनाव क्षेत्र में डॉ एम एन खान तथा अजय कुमार की सक्रियता का तो दोनों अपने-अपने हिसाब से दम खम के साथ क्षेत्र में सक्रिय दिख रहे हैं एमआईएम के डॉक्टर खान हो अथवा बहुजन समाज पार्टी के अजय कुमार दोनों लगातार क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान में जुटे है तथा दोनों की कोशिश अपनी अपनी पार्टी के ट्रेडिशनल वोट के आधार पर खुद की जातियों का समीकरण गढकर समीकरण बैठाने की कोशिश हैं.डा खान तो 2019 के चुनाव हारने के बाद लगातार फील्ड में है तथा चुनाव नजदीक आते हीं पूरी तरह से सक्रिय दिख रहे हैं डॉक्टर खान की कोशिश आने वाला विधानसभा चुनाव में उन्हें जीत दिलाने की दिशा में किस हद तक कामयाब होगी, इसे लेकर चाहे जो भी राय रखी जाए,पर इस बात से इनकार नहीं कर सकता हैं कि गढवा विधानसभा चुनाव क्षेत्र का चुनाव परिणाम को डॉक्टर खान काफी हद तक प्रभावित कर सकते हैं. उनके परफॉर्मेंस के बेस पर ही चुनाव मैदान में जीत का सपना देख रहे हस्तियों का भविष्य निर्भर है. डॉक्टर खान इस बार 2019 के अनुभव के आधार पर नए तरीके से चुनाव मैदान में जनसंपर्क में है, जिसमें उनकी कोशिश चल रही है कि वे गढ़वा विधानसभा चुनाव क्षेत्र में एमआईएम के परंपरागत मुस्लिम वोटो के साथ-साथ पिछड़ा वर्ग एवं अनुसूचित जाति के वोटो का तड़का लगाकर अपने पक्ष में समीकरण बैठा ले. डॉक्टर खान की कोशिश कितनी रंग लाएगी फिलहाल करना तो मुश्किल है परंतु यह गढवा है और इसी गढ़वा में 2009 के चुनाव में मिथिलेश कुमार ठाकुर पहली बार चुनाव लड़कर महज 14180 मत लाकर 2019 के चुनाव में 1 6681मत लाकर सबको न केवल चौका दिए बल्कि कुंडली मारकर बैठ गए हैं. तात्पर्य यह की राजनीति में कब क्या होगा क्रिकेट मैच की तरह रिजल्ट के मामले में भविष्यवाणी नहीं किया जा सकता विशेष कर एआइएमआइएम जैसी पार्टी के उम्मीदवार को लेकर गढ़वा विधानसभा चुनाव क्षेत्र में जहां पर मुस्लिम की आबादी लगभग 18% के करीब है कहना मुश्किल है.
रही बात बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए पूरी लटका झटका के साथ चुनाव मैदान में सक्रिय दिख रहे अजय कुमार का तो अजय कुमार भी बहुजन समाज पार्टी के परंपरागत मत के साथ-साथ अपनी स्वजातीय चौधरी मतों को समेटकर चुनावी समीकरण तैयार करने की कोशिश में लगातार सक्रिय दिख रहे हैं. ऐसे में इसमें कोई संदेह नहीं कि गढवा में चुनावी चहलकदमी में जैसे-जैसे तेजी आ रही है, चुनाव मैदान में खुद को महारथी समझकर बड़े नेता के रूप में स्थापित राजनेताओं को इन छोटी पर्टियों की बढी सक्रियता अभी से चिंता में डालने लगी है, और इतना तो पक्के तौर पर कहा जा सकता है कि जैसे-जैसे वक्त बीतेगा उक्त दोनों पार्टियों से जुड़े नेताओं की सक्रियता जोर पकड़ेगी वैसे-वैसे बड़े नेताओं की सांसे भी अटकेगीं …. जारी