लौह नगरी जमशेदपुर के प्रसिद्ध तुलसी भवन में अंतरराष्ट्रीय हिन्दी साहित्य भारती झारखंड प्रदेश द्वारा आयोजित एक भव्य समारोह में स्थानीय कवि और उपन्यासकार सुरेन्द्र चंद्रवंशी ‘सचेत’ की नई पुस्तक “कचनार के फूल” (काव्य/ग़ज़ल संग्रह) का विमोचन किया गया।
इस अवसर पर ‘आए अवध श्रीराम – स्मारिका’ नामक साझा संकलन पुस्तक का विमोचन भी किया गया। मुख्य अतिथि प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. संजय पंकज, झारखंड के मंत्री राम निवास शुक्ल, प्रभात खबर के प्रमुख संपादक संजय मिश्रा, डॉ. प्रसेनजीत तिवारी और विधायक सरयू राय ने पुस्तक का विमोचन किया।
स्मारिका में 100 रचनाकारों की भागीदारी
साझा संकलन ‘आए अवध श्रीराम – स्मारिका’ में झारखंड के लगभग सौ कवियों और साहित्यकारों की रचनाएँ शामिल हैं। इनमें सुरेन्द्र चंद्रवंशी ‘सचेत’ की श्रीराम पर आधारित कविता ‘श्रीराम मंत्र’ भी सम्मिलित है।
पुस्तक की विशेषताएँ
“कचनार के फूल” का प्रकाशन मुंबई स्थित शब्दगाथा मीडिया पब्लिकेशन द्वारा किया गया है। इससे पूर्व, श्री चंद्रवंशी की दो काव्य संग्रह – ‘धूप छाँव काव्य प्रवाह’ और ‘यादों का पिटारा काव्य रसधारा’ तथा एक उपन्यास ‘पश्चाताप’ का प्रकाशन बीएफसी पब्लिकेशन, लखनऊ द्वारा हो चुका है।
साहित्यिक दृष्टिकोण से सराहना
मुख्य अतिथि डॉ. संजय पंकज ने पुस्तक के शीर्षक “कचनार के फूल” की प्रशंसा करते हुए इसे जनमानस के दिल को छूने वाला बताया। संजय मिश्रा ने संग्रहित कविताओं और ग़ज़लों को पाठकों के अंतर्मन को झकझोरने वाला कहा।
समारोह में उपस्थित गणमान्य लोग
समारोह में अंतरराष्ट्रीय हिन्दी साहित्य भारती झारखंड प्रदेश के अध्यक्ष डॉ. अरुण सज्जन, उपाध्यक्षा डॉ. संगीता नाथ, डॉ. आशा गुप्ता, डॉ. मिनाक्षी कर्ण, रेखा कुमारी, अशोक सिंह समेत बड़ी संख्या में कवि और साहित्यकार उपस्थित रहे।
इस साहित्यिक आयोजन ने झारखंड के साहित्यिक समाज को एकजुट करते हुए स्थानीय साहित्यकारों को नई प्रेरणा दी।