Location: Garhwa
गढ़वा जिले के धुरकी प्रखंड में स्थित सुखाल्दारी जलप्रपात, प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के कारण पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। जंगलों और पहाड़ों के बीच स्थित यह जलप्रपात अपनी अनूठी विशेषताओं और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है।
कनहर नदी का अद्भुत नजारा
यहां का मुख्य आकर्षण छत्तीसगढ़ और झारखंड को विभाजित करने वाली कनहर नदी का वह दृश्य है, जब इसकी धारा पत्थर के कंद्रे (सुरंग जैसे रास्ते) में समा जाती है और फिर ऊंचाई से नीचे गिरती है। इस नजारे को देखने पर ऐसा लगता है, जैसे प्रकृति ने यहां अपनी कला का अनूठा प्रदर्शन किया हो। झरने से गिरते पानी की ध्वनि और उससे उठने वाली हल्की फुहार हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देती है।
पर्यटन की बढ़ती संभावना
सुखाल्दारी जलप्रपात अब धीरे-धीरे पर्यटकों की पसंदीदा जगह बनता जा रहा है। यहां का स्वच्छ वातावरण, हरे-भरे जंगल, और झरने की मधुर ध्वनि, हर किसी को प्रकृति के करीब महसूस कराती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह जगह पिकनिक और पारिवारिक यात्राओं के लिए आदर्श है।
पर्यटकों की सुविधाओं पर ध्यान देने की आवश्यकता
हालांकि, इस जलप्रपात तक पहुंचने का मार्ग कठिन और असुविधाजनक है। स्थानीय प्रशासन से बार-बार आग्रह किया जा रहा है कि यहां तक सड़क और अन्य बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जाए। यदि ऐसा होता है, तो यह क्षेत्र न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन सकता है।
स्थानीय संस्कृति और रोजगार को बढ़ावा
सुखाल्दारी जलप्रपात के विकास से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि यहां के लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। स्थानीय कलाकार और उत्पाद भी देश-विदेश में अपनी पहचान बना सकते हैं।
सुरक्षा और स्वच्छता पर जोर
पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुरक्षा और स्वच्छता के पुख्ता इंतजाम करना जरूरी है। प्रशासन को यहां पर गाइड्स और रेस्क्यू टीम्स की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
सुखाल्दारी जलप्रपात और कनहर नदी का यह मनोरम दृश्य गढ़वा जिले के पर्यटन मानचित्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की क्षमता रखता है। जरूरत है तो बस इसे सही दिशा में विकसित करने और पर्यटकों को यहां तक आकर्षित करने की।