तीन दिवसीय दशहरा पर्व को लेकर प्रखण्ड छेत्र में उल्लास का वातावरण देखने को मिल रहा है विदित हो की नव दिनों तक कलश स्थापित कर चल रहे अनुष्ठान के सातवे दिन पूजा पंडालों में स्थापित दुर्गा के दर्शन के लिए सप्तमी कर दिन से माता रानी की विधिवत पूजा पाठ सुरु किया जाता है सनातन धर्म की परंपरा के अनुशार नवरात्रि के नव दिनों तक सक्ति की अधिष्ठात्री दुर्गा माता अपनी नव रूपो में आकर भक्तो की कल्याण करती है इसी क्रम में सातवे दिन काल रात्रि के रूप में इनका दर्शन होता है जो आसुरी शक्तियों के विनाश के लिए माता अपनी हाथो में खड्ग ढाल धारण कर विकराल रूप में अवतरित होकर मनुष्यों को नारी शक्ति से परिचित कराती है माता कालरात्रि माता समस्त पृथ्वी से असुरों को सांघर कर धर्म की स्थापना करती है ।
सगमा प्रखण्ड के सगमा कट्टर कला शारदा बीरबल बैलिया मकरी सोनडीहा पितुर घघरी झुमका सोनडीहा दुसैया में स्थापित पूजा पंडाल का पट खुलने के बाद माता दुर्गा भवानी की पूजा के लिए सभी पूजा पंडाल में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रहा है दुर्गा पूजा के लिए बनाए गए पूजा समिति के लोग श्रद्धालुओं को दर्शन कराने में भरपूर सहयोग देने में जुटे हुए हैं ।