Location: सगमा
सगमा
सगमा प्रखण्ड में मकई तिल उड़द की फसल बहुतायत संख्या में उपजाई जाति है उक्त फसल नगदी फसल के रूप में जाना जाता है इस प्रखण्ड के किसान भदाई फसल को बहुतायत में लगाते हैं या यों कहिए तो प्रखण्ड छेत्र में धान से दो गुणा छेत्र फल में उगाया जाता है पिछले एक पखवाड़ा से अधिक समय से बारिश पूरी तरह बंद हो गया है इसे लेकर किसानों में भारी मायूसी देखा जा रहा है कुछ किसान मोटर पम्प से सिंचाई मकई फसल में पानी डाल रहे है मगर अधिकतर किसान के पास सिंचाई की सुविधा नहीं रहने से खेतो में खड़े मकई का फसल पूरी तरह सूखने के कगार पर है किसानों का कहना है की मकई के साथ अरहर तिल उड़द का बीज महंगे दर पर खरीदकर खेतो में बोआई किए है पानी के अभाव में भदाई फसल बर्बाद हो रहा है इस कारण सबसे अधिक छाती मकई फसल को उठाना पड़ रहा है मकई का फसल इस समय जोउखा भुआ की स्थिति में है इस समय बारिश के सबसे अधिक आवश्यकता है लग रहा है की मुंह से निवाला छीन रहा है खेतो में खड़े मकई के फसल लगभग सुख चुके है किसानों का कहना है की एक सप्ताह स्थिति यही रहा तो मकई की खेती पूरी तरह चौपट हो जाएगा किसानों में भारी निराशा दिखाई दे रहा है ।