रांची : झारखंड की नौकरशाही ने फिर एक अजूबा काम किया। अब तक तो आपने सुना होगा कि राजनीतिक दल आपसी प्रतिद्वंद्विता में एक दूसरे पर आरोप लगाते हैं। चुनाव आयोग से शिकायत करते हैं। लेकिन संभवत पहली बार ऐसा हुआ कि राजनीतिक दल ने नहीं बल्कि राज्य सरकार की ओर से केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व सरमा के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की गई है। इतना ही नहीं इन दोनों नेताओं के खिलाफ आयोग से कड़ी कार्रवाई की मांग भी की गई है। कृषि मंत्री और असम के मुख्यमंत्री पर राज्य के अधिकारियों को धमकाने और समाज में सांप्रदायिकता और नफरत फैलाने का आरोप है। चुनाव आयोग को शिकायत पत्र सरकार की प्रधान सचिव वंदना डाडेल ने लिखा है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान झारखंड बीजेपी के विधानसभा चुनाव प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व सरमा सह प्रभारी हैं। सरकार ने इन दोनों नेताओं पर राज्य का लगातार दौरा करने, गांवों में सभा करने और सभा के दौरान समाज में नफरत, सांप्रदायिकता और जातीय तनाव फैलाने का आरोप लगाया है। कहा है कि दोनों नेता उत्तेजक भाषण दे रहे हैं। इससे राज्य में कानून व्यवस्था की समस्या खड़ी हो सकती है। दोनों नेता अधिकारियों को धमका भी रहे हैं। इसलिए अधिकारी हतोत्साहित व डरे हुए हैं। ठीक ढंग से अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर पा रहे हैं। डीजीपी सहित राज्य के शीर्ष अधिकारियों को इन दोनों नेताओं ने धमकी दी है। उनके बयानों और लगातार दौरे से डर का माहौल है। इसलिए चुनाव आयोग दोनों पर सख्त कार्रवाई करें। प्रमाण के तौर पर वीडियो रिकॉर्डिंग, स्क्रीनशॉट और अखबारों के कतरन भी भेजे गए हैं।शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के कई बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्री हैं। हिमंता सरमा असम के मुख्यमंत्री हैं। ऐसे में दो बड़े जिम्मेदार लोगों पर झारखंड की नौकरशाही ने गंभीर आरोप लगाए हैं। ऊपर से दोनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी मांग की है। इधर, इस संबंध में चुनाव आयोग ने कहा है कि राज्य में अभी चुनाव आचार संहिता लागू नहीं है। इसलिए आयोग कोई कार्रवाई नहीं कर सकता। असम के मुख्यमंत्री ने भी कहा है कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा है। हम तो सिर्फ यहां के लोगों को अधिकार और सरकार द्वारा किए गए वादे पूरा करने की बात कह रहे हैं। उत्पाद सिपाही भर्ती दौड़ के दौरान जिन 16 युवाओं की मौत हुई है, उनके लिए 50 लाख मुआवजा और नौकरी की मांग कर रहे हैं। हेमंत सरकार हमारी मांग पूरी कर दे। संथाल परगना में जहां आदिवासियों का अस्तित्व खतरे में है वहां बांग्लादेशी घुसपैठ पर रोक लगाए।